बक्सर : बक्सर जिले में किसानों को डीजल अनुदान की राशि वैसे समय में मिल रही है, जब किसान अपने खेतों में पक्के धान के फसल को काटने में जुट गये हैं. जब राशि की जरूरत थी, तब किसान कर्ज लेकर खेतों का पटवन करने को विवश थे. रोपनी के कुछ दिन बाद खेतों में पानी की जरूरत थी,
तो उस समय सरकार व जिले के अधिकारी सुस्ती दिखाये और कुछ दिनों के बाद विस चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गयी, जो अधिकारियों के लिए बहाना बन गयी़ पानी व पैसे के लिए भूमिपुत्र त्राहिमाम कर रहे और अधिकारी एसी कमरों में आराम फरमा रहे़ आज जब नयी सरकार ने सख्ती बरती है, तो फिर से राशि किसानों के खाते में जाने लगी है़
30 नवंबर तक डीजल अनुदान की राशि हर-हाल में बांट देने की हिदायत सभी बीडीओ को दिया गया है़ वहीं, कुछ अधिकारी अभी भी सुस्ती दिखा रहे हैं़
चार करोड़ 63 लाख रुपये मिला है : डीजल अनुदान के मद में बक्सर जिले के किसानों के लिए सरकार ने चार करोड़ 63 लाख रुपये की राशि आवंटित की है, जिसमें से अब तक अनुमानत: आधी राशि ही बांटी जा सकी है, जो दो करोड़ सात लाख रुपये की राशि है. शेष राशि बांटने की प्रक्रिया को युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है.
अभी भी डीजल अनुदान के लिए आवेदन करनेवाले सैकड़ों किसानों के बैंक खातों के नंबर, आइएफसी कोड तथा नामों में त्रुटियां भरी पड़ी हैं, जिसके कारण सुधार की प्रक्रिया अब भी जारी है.दूसरी तरफ किसान श्री सुदर्शन पांडेय ने कहा कि प्रशासन का डीजल अनुदान कागजी खानापूरी में हो रही है.
इन प्रखंडों ने बांटी राशि : बक्सर प्रखंड के बीडीओ मनोज कुमार के अनुसार डीजल अनुदान की राशि 80 फीसदी बांटी जा चुकी है और 20 फीसदी बची राशि को भी 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जायेगा. इस मद में पूरी राशि की निकासी हो चुकी है. वहीं, चक्की बीडीओ योगेंद्र पासवान के अनुसार एक लाख 43 हजार 896 रुपये डीजल अनुदान में मिले थे, जिसमें से एक लाख 29 हजार 343 रुपये 426 लाभुकों के बीच बांटे जा चुके हैं.
शेष बचे लाभुकों के लिए राशि कम है और डेढ़ लाख रुपये की राशि मांगी गयी है. सिमरी बीडीओ कुमारी अर्चना से मिली जानकारी के अनुसार सिमरी प्रखंड में मिली अनुदान की राशि लोगों के खाते में आरटीजीएस हो चुकी है. 325 किसानों को अभी राशि मिलना बाकी है, जिसके लिए राशि मांगी गयी है.
वहीं, राजपुर के बीडीओ अजय कुमार सिंह का कहना है कि 82 लाख रुपये डीजल अनुदान के मिले थे जिसे बैंकों को भेजा जा चुका है. बैंकों की बंदी के कारण कई किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंच पायी है. वहीं, चौगाईं के बीडीओ इंदू बाला ने बताया कि चौगाईं प्रखंड में डीजल अनुदान मद में 24 लाख रुपये की राशि आयी थी, जिसमें से 10 लाख पांच हजार 863 रुपये की राशि आरटीजीएस हो चुकी है और शेष राशि को भेजने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.
केसठ प्रखंड के बीडीओ स्मृति ने बताया कि 1306 आवेदन विभिन्न पंचायतों से किसानों ने दिये थे, जिसमें सामान्य वर्ग के 751 किसानों को आठ लाख 43 हजार 280 रुपये, अनुसूचित जाति के 106 किसानों को एक लाख 88 हजार 141 रुपये और अनुसूचित जनजाति के चार किसानों को 1080 रुपये भेज दी गयी है और शेष किसानों की राशि बैंकों को भेज दी गयी है. इटाढ़ी को 82 लाख रुपये मिले थे, जिसमें से 29 लाख 95 हजार 220 रुपये का वितरण हो चुका है. शेष राशि की वितरण की प्रक्रिया जारी है.
वहीं, चौसा को 24 लाख 74 हजार 496 रुपये मिला था, जिसमें 21 लाख 93 हजार 435 रुपये किसानों के खाते में चला गया है़ ब्रह्मपुर को 20 लाख रुपये की राशि मिली थी, जिसमें 12 पंचायतों के किसानों को बांटी दी गयी है और शेष छह पंचायतों के किसानों को राशि मिलनी अभी बाकी है. नावानगर बीडीओ के अनुसार 3035 किसानों के खाते में 23 लाख 86 हजार सात रुपये किसानों के खातों में भेज दिया गया है. डुुमरांव बीएओ मो. शौकत अली ने कहा कि जितनी राशि मिली थी, उसमें से ज्यादातर किसानों को राशि आरटीजीएस कर दी गयी है़