डुमरांव : सूत मिल में लगी करोड़ों रुपये की चार एलसी मशीनों को बेंगलुरू की एक कंपनी के हाथों बेचे जाने कर मामला उजागर हुआ है. मशीनों को बेचे जाने की कवायद शुरू होने से निकट भविष्य में मिल खोले जाने की संभावना क्षीण होती जा रही है. वहीं आठ माह से बंद पड़े मिल के कारण मिल श्रमिकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है.
श्रमिकों को दो जून की रोटी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. मजदूर संघ के अध्यक्ष भरत मिश्र का कहना है कि मिल प्रबंधन लाखों रुपये का मिल परिसर स्थित भूखंड को बेचा, अब करोड़ों रुपये की लागत से लगी चार एलसी मशीनों को बेच कर सारी सीमाएं पार कर दी है, जिससे श्रमिकों के बीच असंतोष पनप रहा है.
श्री मिश्र ने बताया कि मिल बंद होने के बाद प्रबंधन वर्क ऑफ सस्पेंशन लागू कर दिया और आठ माह की अवधि में करोड़ों रुपये की राशि इकट्ठा कर पलायन करने की ठान ली है. मजदूर संघ ने इस मामले को लेकर न्यायालय की शरण में जाने को कहा है.
ये मशीनें मिल के लिए अनुपयोगी थी. इन मशीनों से कॉटन सूत तैयार किया जाता था. अब कॉटन की जगह पोलिएस्टर सूत की तैयारी की जायेगी. इसके लिए अलग से मशीन को मंगाया गया है, जो इस मिल में लगायी जायेगी.
पवन पटवारी
एमडी