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सामाजिक समानता मानव का जन्मसिद्ध अधिकार है

बक्सर : राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा मानवाधिकार दिवस पर जननायक कर्पूरी ठाकुर विधि महाविद्यालय में मंगलवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ कृष्ण अली अलबर्ट एवं मंच संचालन एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. अखिलेश मंडल ने किया. उक्त अवसर पर प्राचार्य ने […]

बक्सर : राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा मानवाधिकार दिवस पर जननायक कर्पूरी ठाकुर विधि महाविद्यालय में मंगलवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ कृष्ण अली अलबर्ट एवं मंच संचालन एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. अखिलेश मंडल ने किया. उक्त अवसर पर प्राचार्य ने संबोधित करते हुए बताया कि मानव-मानव में भेद नहीं, कर्म-धर्म महान है.

सामाजिक समानता मानव का जन्मसिद्ध अधिकार है. उसका जीना भी क्या जीना है जिसको मानव अधिकार नहीं. कार्यक्रम को अन्य पदाधिकारियों ने अपने संबोधन में बताया कि मानवाधिकार आयोग का गठन भारत में 28 सितंबर 1993 में कानून रूप में अमल में लाया गया था. 12 अक्टूबर 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया.
संयुक्त राष्ट्र एसेंबली ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की घोषणा की. आगे उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि मानव अधिकार वह मानव दंड है जो मानव व्यवहार के मानकों को स्पष्ट करते हैं. एक इंसान होने के नाते वो मौलिक अधिकार है जिनका प्रत्येक व्यक्ति स्वाभाविक रूप से हकदार है.
ये अधिकार कानून द्वारा संरक्षित है. उक्त मौके पर प्रो. जयराम सिंह, मंगल सिंह, मालादास, उपेंद्र कुमार, अलका कुमारी, राजेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, अशोक ठाकुर, राकेश कुमार, छात्र-छात्राओं में सत्येंद्र कुमार, आकास, प्रतीक, सोनी, बिट्टू, मिनाक्षी, सुमन समेत अन्य
शामिल रहे.

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