बक्सर : नगर के मठिया मुहल्ला के रहने वाले राजीव शेखर यूरोपीय देश नार्वे की राजधानी ओस्लो में इंजीनियर हैं. वे इस बार अपनी पत्नी डॉ निष्ठा मानव के साथ दो वर्षों के बाद इस छठ पूजा में शामिल हो रहे हैं. राजीव कहते हैं कि अपने देश में सुबह और शाम का नजारा हमें अहलादित करता है और यह तब और आनंदित करता है जब हम नदी के किनारे होते हैं.
छठ पर्व में उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की अनुभूति काफी सुखद है. यह धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी है. हालांकि इस बार घर पर किसी कारणवश छठ पूजा नहीं हो रही है इसके बावजूद छठ घाट पर घूमने का अवसर नहीं गंवाया जा सकता. निष्ठा करती हैं कि छठ पूजा बचपन की स्मृतियों में शामिल हैं.
