बक्सर : नाजायज संबंध का विरोध करने पर निर्मम तरीके से पति की हत्या करने वाली पत्नी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी. न्यायालय ने अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया जिसे सरकारी खजाने में जमा करना पड़ेगा.
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पति की हत्या में पत्नी को आजीवन कारावास, 15000 का जुर्माना
बक्सर : नाजायज संबंध का विरोध करने पर निर्मम तरीके से पति की हत्या करने वाली पत्नी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी. न्यायालय ने अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया जिसे सरकारी खजाने में जमा करना पड़ेगा. अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त छह माह जेल में बिताने होंगे. गौरतलब […]
अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त छह माह जेल में बिताने होंगे. गौरतलब हो कि विगत शनिवार को न्यायालय ने अभियुक्त को भारतीय दंड विधान की धारा 302 एवं 120 बी के तहत दोषी पाया था, सजा के बिंदु पर पर मंगलवार को फैसले की तिथि सुनिश्चित की गयी थी.
अपराह्न लगभग 2 बजे एफटीसी 2 के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह के न्यायालय में अभियुक्त को सुरक्षाकर्मियों ने पेश किया, जहां न्यायालय ने उक्त फैसला सुनाया. न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त की छोटी बच्ची का ख्याल रखते हुए कम कम से कम सजा सुनायी गयी है. बताते चलें कि अभियुक्त पत्नी ने ने अपने पति की हत्या उस वक्त की थी, जब उसके गोद में लगभग छह माह की बच्ची पल रही थी.
2017 में घटना को दिया था अंजाम, स्पीडी ट्रायल के तहत की गयी सुनवाई
2017 में आशिक संग मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए पत्नी ने पति की हत्या किया था उक्त मामले की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत किया गया तथा लगभग 20 माह में फैसला सुना दिया गया. मामला डुमरांव थाना कांड संख्या 306 /2017 से संबंधित है, जहां मृतक दीपक के पिता अंगद सिंह ने पुलिस को सूचना देकर बताया कि नाजायज संबंध का विरोध करने के चलते हैं. उसके पुत्र की हत्या उसकी पत्नी किरण देवी ने अपने आशिक रोहित कुमार एवं छोटू यादव के साथ मिलकर कर दी है.
बताते चलें कि इटाढ़ी थाना के भेलूपुर गांव के रहने वाले अंगद सिंह ने अपने पुत्र दीपक कुमार की शादी डुमरांव दक्षिण टोला वार्ड नंबर 24 के रहने वाले भरत सिंह की पुत्री किरण देवी के साथ किया था. दोनों से एक बच्ची का जन्म भी हुआ था लेकिन किरण का संबंध उसके आशिक के साथ बना रहा, जिसका विरोध उसका पति दीपक करता था.
हत्या के 20 दिन पहले किरण के भाई उसकी विदाई कराकर मायके लाया जहां 20 अक्तूबर 2017 की रात में किरण ने फोन कर अपने पति दीपक को यह कह कर बुलाया कि उसकी बेटी की तबीयत खराब है. सूचना मिलने पर दीपक भागा भागा डुमरांव पहुंचा. वहां रात में किरण ने अपने आशिक के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी.
दूसरे दिन किरण के पिता ने पुलिस को हत्या के बारे में जानकारी दी. घटनास्थल पर पुलिस ने दीपक की लाश को चौकी पर गिरा हुआ पाया. उसके सिर में पीछे गहरा जख्म था. शुरू में किरण ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कि लेकिन जांच के क्रम में परत दर परत सब कुछ साफ होता चला गया.
उक्त मामले में पुलिस ने किरण के अलावे छोटू यादव एवं रोहित कुमार को भी अभियुक्त बनाया, लेकिन अवयस्क होने के कारण छोटू यादव की सुनवाई को किशोर न्यास परिषद में स्थानांतरित कर दी गयी. वहीं रोहित कुमार आज भी फरार है. सुनवाई में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक रामकृष्ण चौबे एवं त्रिलोकी मोहन ने बहस में हिस्सा लिया.
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