बक्सर : चौगाईं प्रखंड के कोन्हीं गांव के रहनेवाले आइटीबीपी के जवान सुशील कुमार का शव लेने से परिजनों ने इन्कार कर दिया. इसके बाद शव के साथ आये आइटीबीपी के अफसर और जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी. हालांकि करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद घर के लोगों ने सुशील का शव लिया और उसका दाह-संस्कार किया. दरअसल, यह बखेड़ा खड़ा हुआ उस पंचनामे से जिसमें लिखा था कि सुशील ने आत्महत्या की है.
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फौजी बेटे के पंचनामे पर आत्महत्या लिखा देख पिता ने शव लेने से किया इन्कार
बक्सर : चौगाईं प्रखंड के कोन्हीं गांव के रहनेवाले आइटीबीपी के जवान सुशील कुमार का शव लेने से परिजनों ने इन्कार कर दिया. इसके बाद शव के साथ आये आइटीबीपी के अफसर और जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी. हालांकि करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद घर के लोगों ने सुशील का शव […]
आइटीबीपी के सूबेदार अनिल कुमार कुछ जवानों के साथ सुशील का शव लेकर मंगलवार को उसके गांव कोन्हीं पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद उन्होंने सुशील के पिता मदन सिंह को पंचनामा दिखाया, जिसके बाद वे खफा हो गये और बेटे का शव लेने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उसने आत्महत्या नहीं की है.
उन्होंने बताया कि गत शनिवार को आइटीबीपी की 10वीं रेजिमेंट के असिस्टेंट कमांडेंट ने उन्हें फोन पर सूचना दी थी कि आपके बेटे की नक्सली हमले में गोली लगने से मौत हो गयी है, जबकि पंचनामा में आत्महत्या की बात लिखी है.
सुशील के पिता ने कहा कि मेरे बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाये. राजकीय सम्मान के साथ उसका दाह-संस्कार किया जाये और छोटे बेटे को नौकरी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं. शव लेने से इन्कार करने की खबर आइटीबीपी के अफसरों और जिला प्रशासन के अधिकारियों तक पहुंची.
डुमरांव के एसडीओ हरेंद्र राम और एसडीपीओ केके सिंह कोन्हीं पहुंचे. इन दोनों ने परिजनों को बताया कि अरुणाचल प्रदेश के जिस इलाके में सुशील तैनात था वहां के स्थानीय थाने की रिपोर्ट में आत्महत्या की बात लिखी है.
हालांकि परिजनों को इस बात का आश्वासन दिया गया कि सुशील की मौत के बाद सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. मामले के अनुसंधान के बाद उसे शहीद का दर्जा दिया जायेगा. इसके बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए. बक्सर के चरित्रवन श्मशान घाट पर सुशील का दाह-संस्कार किया गया तब वहां हजारों की भीड़ मौजूद थी.
क्या कहते हैं एसडीओ
पंचनामा पर आत्महत्या की बात लिखी थी, जिसे देख लोग भड़क गये. काफी समझाने-बुझाने के बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए. आइटीबीपी के अफसरों से भी इस संबंध में बात हुई है. उन्होंने भी यथोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है.
हरेंद्र राम, एसडीओ, डुमरांव
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