बक्सर : निर्जला एकादशी को लेकर गुरुवार को बक्सर का रामरेखा घाट, बाबा घाट, गोला घाट, सती घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगायी. इस मौके पर महिलाएं निर्जला रहकर गंगा में स्नान करने के बाद दान की. निर्जला एकादशी का व्रत करने वाली महिलाएं चावल ग्रहण नहीं किया. श्रद्धालुओं की भीड़ पूरे दिन गंगा घाटों पर रही.
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निर्जला एकादशी पर स्नान के लिए गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
बक्सर : निर्जला एकादशी को लेकर गुरुवार को बक्सर का रामरेखा घाट, बाबा घाट, गोला घाट, सती घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगायी. इस मौके पर महिलाएं निर्जला रहकर गंगा में स्नान करने के बाद दान की. निर्जला एकादशी का व्रत करने वाली महिलाएं चावल ग्रहण नहीं किया. श्रद्धालुओं […]
इस मौके पर महिलाएं अन्न-जल ग्रहण किये बिना भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की. इसके बाद पंडितों को फल, मिठाइयां व अन्य सामग्री दान की. पूजा सामग्री को लेकर रामरेखा घाट के आस-पास की दुकानों पर पूरे दिन भीड़ रही. पंडितों का मानना है कि ज्येष्ठ मास के शुल्क पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का काफी महत्व है. इस एकादशी के सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक निर्जल व्रत रखा जाता है.
अन्न-जल ग्रहण किये बिना भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. यह व्रत मानव जीवन के लिए काफी महत्व रखता है. ऐसा माना जाता कि अगर कोई श्रद्धालु पूरे साल की 24 एकदाशी में से एक का भी व्रत रख नहीं पाता है और वह निर्जला एकादशी का व्रत रख ले तो उस दिन उसे सभी एकादशियों का फल और पुण्य हासिल होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूर्ण विधि से पूजा करने के मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है. जीवन निरोग रहता है और निवृत्त एवं सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है
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