डुमरांव : प्रति वर्ष नौ करोड़ से ज्यादा का राजस्व देनेवाला आदर्श स्टेशन का दर्जा प्राप्त डुमरांव स्टेशन पर सुविधाएं हाल्ट से भी बदतर हैं. यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम रहा स्टेशन की दुर्दशा के लिए अधिकारी व जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं.
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नौ करोड़ राजस्व देनेवाला डुमरांव स्टेशन हाॅल्ट से भी बदतर
डुमरांव : प्रति वर्ष नौ करोड़ से ज्यादा का राजस्व देनेवाला आदर्श स्टेशन का दर्जा प्राप्त डुमरांव स्टेशन पर सुविधाएं हाल्ट से भी बदतर हैं. यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम रहा स्टेशन की दुर्दशा के लिए अधिकारी व जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं. यही कारण है कि स्टेशन के दोनों प्लेटफॉर्म पर एकमात्र शौचालय […]
यही कारण है कि स्टेशन के दोनों प्लेटफॉर्म पर एकमात्र शौचालय है. वह भी साफ-सफाई नहीं होने के चलते हमेशा बदबू देता रहता है, जिस कारण यात्री खुले में शौच करने को मजबूर हैं. शाम ढलते ही पूरा प्लेटफाॅर्म मूत्रालय में तब्दील नजर आता है.
महिला यात्रियों को झेलनी पड़ती है फजीहत : स्टेशन परिसर में शौचालय के अभाव में सबसे ज्यादा दिक्कतें महिलाओं को झेलनी पड़ती है. रात के अंधेरे में तो महिलाएं अपना काम किसी तरह चला लेती हैं, मगर दिन के उजाले में उन्हें अपनी लज्जा बचाने के लिए प्लेटफाॅर्म के नीचे ट्रैक में व झाड़ियों में छिपकर पेशाब करती हैं. कई ऐसी घटनाएं भी हो चुकी हैं कि पेशाब करने के क्रम में महिलाओं ने अपनी जान गंवा दी हैं.
पेयजल की सुविधा की कमी : रेलवे के बी ग्रेड में शुमार डुमरांव स्टेशन पर साफ-सफाई समेत स्वच्छ पेयजल का घोर अभाव है. इस तपती गर्मी में यात्री वर्षों पुराने टंकी से गर्म पानी पीने के लिए विवश हैं. इस स्टेशन पर अप और डाउन में कुल 44 ट्रेनों का ठहराव होता है.
प्रतिदिन 15 हजार से ज्यादा यात्री यहां विभिन्न ट्रेन पकड़ने आते हैं, मगर उनके लिए पर्याप्त मात्रा में पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है. पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को अपनी प्यास लगाने के लिए बोतलबंद पानी खरीदना पड़ता है.
एकमात्र ओवरब्रिज की है सुविधा उपलब्ध : डुमरांव स्टेशन पर एकमात्र ओवरब्रिज की सुविधा उपलब्ध है, जिस कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है. मानक के अनुसार ओवरब्रिज नहीं होने के कारण यात्री रेलवे ट्रैक पारकर प्लेटफाॅर्म पर आते-जाते हैं. इसके चलते हर समय हादसा होने की आशंका बनी रहती है. रेलवे ट्रैक की घेराबंदी नहीं होने से मवेशी बीच ट्रैक में आ जाते हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
इस संबंध में रेल यात्री कल्याण समिति, डुमरांव के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ रवि ने कहा कि हर साल नौ करोड़ से ज्यादा का राजस्व देने के बाद भी यात्री सुविधा स्टेशन पर नदारद है. जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की उदासीनता के कारण स्टेशन पर शौचालय समेत पेयजल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है.
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