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शुरू होगा टमाटर प्रसंस्करण इकाई से उत्पादन
डुमरांव : वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में शुक्रवार से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर का सेमिनार शुरू होगा, जिसमें 8 राज्यों के 400 सौ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक शामिल होंगे. उक्त आशय की जानकारी प्राचार्य डॉ अजय कुमार ने बुधवार को दी. उन्होंने बताया कि 15 मार्च को फसल उत्पादन व प्राकृतिक संसाधन […]
डुमरांव : वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में शुक्रवार से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर का सेमिनार शुरू होगा, जिसमें 8 राज्यों के 400 सौ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक शामिल होंगे. उक्त आशय की जानकारी प्राचार्य डॉ अजय कुमार ने बुधवार को दी.
उन्होंने बताया कि 15 मार्च को फसल उत्पादन व प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, 16 मार्च को पौधा प्रजनन, स्थायी वृद्धि के लिए सामाजिक, आर्थिक व राजनीति व पौधा संरक्षण, जल कृषि मात्सयीकी एवं पशु सम्पादा और 17 मार्च को फल, सब्जी एवं फूल उत्पादन यांत्रिक एवं प्रसंस्करण विषय शामिल हैं.
प्राचार्य ने बताया कि सेमिनार में सेमीट मैक्सिकों के डॉ रवि गोपाल सिंह के अलावे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के एडीजी डॉ पीएस पांडेय का आगमन है. पहली बार राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार कॉलेज में आयोजित हो रहा है.
जिसमें कॉलेज के छात्र-छात्रा सहित शोधकर्ता, किसान व प्रबुद्ध लोगों की मौजूदगी रहेगी. सेमिनार में तकनीकी जानकारी के साथ शोध पत्र जारी कर विस्तृत चर्चा होगी.आयोजित सेमिनार के दौरान उपस्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के एडीजी डॉ पीएस पांडेय के द्वारा सेमिनार के पहले दिन टमाटर प्रसंस्करण इकाई से उत्पादन शुरू होगा.
बता दें इसका उदघाटन कृषि मंत्री ऑनलाइन उदघाटन कर चुके हैं. इस बाबत डॉ नीतू सिंह ने बताया कि टमाटर प्रसंस्करण इकाई से प्रति घंटे 100 किलों में 30 किलो सौस तैयार मिलेगा. उन्होंने बताया कि यह इकाई तेरह घंटा चलेगा, जिसमें 13 सौ क्विंटल टमाटर की खेती होगी.
इस बाबत उन्होंने बताया कि भविष्य में इस यूनिट से आंवला और अमरूद सहित अन्य फलों का जैली तैयार होगा. लेकिन टमाटर प्रसंस्करण इकाई में थोड़ा बहुत बदलाव करना पड़ेगा. इकाई का उत्पादन बाजार सहित दूरदराज शहरों के बाजार तक पहुंचेंगे. यह इकाई 1 करोड़ 50 लाख 50 हजार का है. इससे किसान, छात्र-छात्राएं, मार्केटिंग डिवीजन को लाभ मिलेगा. मौके पर डॉ सुदय प्रसाद उपस्थित रहे.
अगला यूनिट जैविक फफूंद नाशक दवा प्रोसेसिंग का : कृषि कॉलेज में टमाटर प्रसंस्करण इकाई के बाद अगला चरण जैविक फफूंद नाशक दवा प्रोसेसिंग का होगा. जिसमें फलों व सब्जी को होने वाले बीमारी से बचाव हो सके. हालांकि अभी जो दवा का छिड़काव होता है, स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. इस बाबत प्राचार्य ने बताया कि इस यूनिट के लिए बात चल रहा है. इस यूनिट के बाद अगला यूनिट मिलना तय है.
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