बक्सर : बिहार के बक्सर जिला के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रघुनाथपुर में सोमवार की रात एक चौकीदार ने अपने रिटायर हवलदार चाचा को गोली मार दी. जिसमें रिटायर हवलदार को गोली उसके हथेली पर जा लगी और वह जख्मी हो गये. गोली की आवाज सुन कर उनकी पत्नी चिल्लाने लगी. घटना को अंजाम देने के बाद चौकीदार रामजी प्रसाद भागने में सफल रहा. वहीं, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच कर जख्मी केशू प्रसाद को इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. जख्मी वृद्ध रघुनाथपुर का रहने वाला रिटायर हवलदार केशू प्रसाद है.
बताया जाता है कि सोमवार की रात वह अपने घर में सोया हुआ था. करीब 11 बजे उनका भतीजा चौकीदार रामजी आये और दरवाजा खुलावाया. जैसे दरवाजा खोला तो चौकीदार रामजी ने गोली चला दी. जिसमें गोली हथेली पर जा लगी. वहीं घटना को अंजाम देने के बाद चौकीदार भागने में सफल रहा. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना ब्रह्मपुर थाना की पुलिस को दी.
पुलिस घटना की जांच करने में जुट गयी है. साथ ही जख्मी रिटायर हवलदार केशू प्रसाद के बयान पर चौकीदार के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. ब्रह्मपुर थानाध्यक्ष इकरार अहमद ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. अभी इस मामले में कुछ कहा नहीं जा सकता है. दोनों में बहुत दिनों से आपसी दुश्मनी चल रही थी. बहुत जल्द पूरे मामले का खुलासा कर लिया जायेगा.
जख्मी केशू प्रसाद ने बताया कि चौकीदार रामजी उनका पूरा जमीन अपने नाम से लिखने के लिए बोल रहा था. जब इसका विरोध किया तो चौकीदार ने गोली मार दिया. सूत्रों की माने तो रिटायर हवलदार ने अपने आप को खुद गोली मार ली है और चौकीदार को फंसाने की साजिश रची है. जबकि, चौकीदार ने उसे गोली नहीं मारा. रिटायर हवलदार केशू प्रसाद के बेटे धनजी सिंह ने चौकीदार की मां का कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर दिया था. जिसमें उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है. उसी मामले को समझौता करने के लिए चौकीदार पर दबाव बना रहा था. जब बात नहीं बनी तो उसने अपने आप को गोली मारकर चौकीदार को फंसाने की साजिश रच डाली. हालांकि, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
चौकीदार की मां के हत्या में बंद है रिटायर हवलदार का बेटा
वर्ष 2009 में चौकीदार की मां की हत्या के मामले में रिटायर हवलदार को बेटा जेल में बंद है. कोर्ट से उसे वर्ष 2013 में आजीवन कारावास की सजा मिली. उसके बाद से ही रिटायर हवलदार केशू प्रसाद ने चौकीदार रामजी से केस का समझौता करने के लिए दबाव बना रहा था. जब बात नहीं बनी तो उसे खुद को गोली मार लिया, ताकि चौकीदार फंस जाये और उसके बेटा का मामला की समझौता हो जाये.