कंपनी को आठ करोड़ रुपये प्रतिमाह घाटा
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बिजली कंपनी प्रतिमाह 14 करोड़ खर्च कर वसूल रही छह करोड़ रुपये
कंपनी को आठ करोड़ रुपये प्रतिमाह घाटा शहर में हैं कुल 22 हजार 805 उपभोक्ता बक्सर : अगर आप को अच्छी बिजली नहीं मिल रही है, या फिर लो वोल्टेज की समस्या है, तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. आपको जानकर हैरानी होगी कि साऊथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी प्रतिमाह 14 करोड़ रुपये की […]
शहर में हैं कुल 22 हजार 805 उपभोक्ता
बक्सर : अगर आप को अच्छी बिजली नहीं मिल रही है, या फिर लो वोल्टेज की समस्या है, तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. आपको जानकर हैरानी होगी कि साऊथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी प्रतिमाह 14 करोड़ रुपये की बिजली खरीदती है, लेकिन इसके एवज में कंपनी को हर माह मात्र छह करोड़ रुपये ही आमदनी होती है. यानी प्रतिमाह आठ करोड़ रुपये का घाटा बिजली कंपनी को लग रहा है. शहरी क्षेत्र में कुल 22 हजार 805 उपभोक्ता हैं,
लेकिन इनमें नियमित रूप से महज 11 हजार उपभोक्ता ही अपना बिजली बिल समय पर जमा करते हैं. ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि आखिर कब तक कंपनी घाटे में बिजली देगी. जिले में विद्युतीकरण से अब कुछ ही गांव शेष रह गये हैं. उन्हें भी सितंबर के अंत तक विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है. अगर उपभोक्ता समय से अपना विद्युत विपत्र नहीं जमा करते हैं, तो आनेवाले दिनों में विभाग बिजली की सप्लाई में भारी कटौती कर सकती है. इससे निजात के लिए खपत के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करना आवश्यक है.
हर माह आठ करोड़ का होता है घाटा : बिजली कंपनी को हर माह आठ करोड़ का घाटा होता है. जबकि कंपनी को 80 मेगावाट बिजली सप्लाई के लिए हर माह 14 करोड़ का भुगतान करना पड़ता है, जिसमें जिले से महज छह करोड़ ही जमा हो पाता है. जिससे सरकार के खजाने से उतनी राशि जमा करनी पड़ती है. यही कारण है कि नियमित रूप से बिजली बिल जमा करनेवाले 11 हजार उपभोक्ताओं को भी अच्छी बिजली नहीं मिल पा रही है. इस घाटे को खत्म करने के लिए कंपनी प्रीपेड डिजिटल मीटर लगाने जा रही है, जिससे काफी हद तक इस घाटा पर रोक लगेगा.
विपत्र में भी गड़बड़ी के कारण समय से नहीं जमा हो रहा बिल
समय से बिल नहीं जमा होने का मुख्य कारण यह है कि उपभोक्ता के विद्युत विपत्र में भारी गड़बड़ी है. उपभोक्ताओं के शिकायत के बाद भी उसमें सुधार नहीं हो रहा है. कंपनी हर माह कैंप भी लगाती है. इसके बावजूद उपभोक्ता परेशान हैं. कंपनी का इस पर ध्यान नहीं है. ग्रामीण इलाकों का हाल तो सबसे बुरा है, जहां महज 10 प्रतिशत ही उपभोक्ता समय से अपना विपत्र जमा करते हैं. खर्च के अनुपात में वसूली काफी कम है, जिससे कंपनी हर माह आठ करोड़ का घाटा उठा रही है.
बिल बना वसूली में बाधक
बिजली कंपनी अभी भी 30 फीसदी उपभोक्ताओं को विपत्र नहीं दे पा रही है, इससे समय से बिजली बिल जमा नहीं हो पा रहा है. वर्तमान में बिल जमा करने के चल रही सॉफ्टवेयर और लिंक भी बड़ी बाधा है. वसूली के लिए सिस्टम को और दुरुस्त करना पड़ेगा, जिससे काफी हद तक घाटा काम होगा.
आंकड़े एक नजर में
जिले में हैं चार लाख कनेक्शनधारी
22 हजार 805 उपभोक्ता हैं बक्सर में
डुमरांव में हैं 60 हजार कनेक्शनधारी
जिले में हैं 19 पावर सब स्टेशन
80 मेगावाट की की जाती है सप्लाई
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