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बिहार: बक्सर में 3 महीने से धरने पर बैठे किसान क्यों हुए हिंसक? जानिये पूरा विवाद और प्रदर्शन की वजह..

Buxar News: बिहार के बक्सर में किसानों का प्रर्दशन अब उग्र रूप ले चुका है. किसान करीब 3 महीने से धरने पर बैठे हुए थे. चौसा पावर प्लांट से जुड़ा पूरा मामला और किसानों की मांग व समस्या के बारे में जानिये..

Buxar News: बिहार के बक्सर में किसानों का प्रर्दशन अब उग्र रूप ले चुका है. लंबे समय से धरने पर बैठे किसानों का धैर्य बुधवार को टूट गया और चौसा पावर प्लांट के पास किसानों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया. किसानों के निशाने पर पुलिस प्रशासन रही. मंगलवार को ही पुलिस और किसान आमने-सामने हो चुके थे. जानिये क्या है पूरा विवाद…

चौसा में थर्मल पावर प्लांट के आगे हंगामा

बक्सर के चौसा में थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट पर किसान मंगलवार को धरना देने बैठ गये. पिछले तीन माह से किसान अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे. दरअसल, ये मामला बगैर मुआवजा फसल लगे खेतों में रेल कॉरिडोर और पाइप लाइन बिछाने के कार्य से जुड़ा है. जिसे लेकर चौसा मौजा में किसान विरोध कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि..

किसानों का कहना है कि उन्हें भूमि का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और जबरन उनकी भूमि पर कब्जा करके प्रोजेक्ट का काम शुरू किया गया. बता दें कि ये विवाद पिछले दो दिनों से बढ़ता गया जब सोमवार को भारी पुलिस बल के साथ चौसा मौजा में पहुंचे अधिकारियों ने किसानों को उनकी जमीन से खदेड़ दिया और वाटर पाइप लाइन का काम शुरू करवा दिया.

https://www.youtube.com/watch?v=78EeDvvzmsM
पुलिस व प्रशासन पर आरोप

किसानों का कहना है कि वो भूमि अर्जन कानून 2013 की तरह उचित मांगों को लेकर 17 अक्टूबर से शांतिपूर्ण तरीके से धरनस दे रहे हैं. जबकि पुलिस उनके साथ मारपीट और गिरफ्तारी तक को अंजाम दिया. एफआइआर से परेशान किया गया.

किसानों की मांगें

बता दें कि किसान भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों का अनुपालन करते हुए उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई जारी है. किसानों का कहना है कि इस परियोजना में प्रभावित किसानों एवं परिवारों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए उनको सहभागी बनाया जाए.

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सरकार से ये मांग..

किसानों का कहना है कि वो विकास के विरोधी नहीं हैं बल्कि कानून का अनुपालन करते हुए किसानों और मजदूरों के हित में न्याय चाहते हैं. अगर कानून तोड़कर प्रशासन लाठी के दम पर जबरन किसानों की जमीन छीनने की कोशिश करेगी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. मजबूर होकर जेल भरो अभियान भी चलाया जाएगा. किसानों की मांग है कि सरकार, एसटीपीएल और जिला प्रशासन से समिति गठित करते हुए हमारी समस्याओं और मांगों की जांच करे और समाधान करे.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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