बिहारशरीफ
. जिले में सोलर लाइट स्थापना के आंकड़ों में अंतर दिख रहा है. कार्य एजेंसियों के अनुसार, अब तक 16588 सोलर लाइट लगाये जा चुके हैं, जबकि ब्रेडा (बिहार एनर्जी डेवलपमेंट) की साइट पर 11276 लाइट स्थापित होने का आंकड़ा दिख रहा है. इस अंतर के बारे में विभाग के कर्मियों का कहना है कि कार्य एजेंसी द्वारा लाइट स्थापित करने के बाद उसे विभाग के साइट पर लोड करना होता है. आंकड़ों में अंतर दिखने से खराब लाइट की वास्तविक आंकड़े की जानकारी विभाग के पास नहीं पहुंच पायेंगी. इसके अलावा, 5186 लाइट में सिग्नल लॉस की समस्या है, जिसके बारे में ब्रेडा के एक्यूटिव ऑपरेटर रामलाल कुमार का कहना है कि यह समस्या जीपीएस परोपर के कारण हो सकती है या कोई और तकनीकी कारण हो सकता है. लाइट खराब होने की सूचना के बारे में उन्होंने कहा कि साइट पर सूचना दिखने पर संबंधित क्षेत्र के कार्य एजेंसी को सूचित कर ठीक कराया जाता है. कार्य एजेंसी के कार्यों पर नजर रखने और खराब लाइट को ठीक करने के लिए मॉनिटरिंग किये जाने के लिए 10 जनवरी 2025 से ब्रेडा द्वारा कार्यालय संचालित किया जा रहा है. यहां पर कर्मी की तैनाती की गयी है. क्या है मामला : पंचायत राज विभाग के माध्यम से प्रत्येक ग्राम पंचायत के चिह्नित वार्डों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाये जा रहा है. जिसे विभाग ने ब्रेडा (बिहार एनर्जी डेवलपमेंट) को लाइट लगाने की जिम्मेदारी दी है. ब्रेडा प्रत्येक ग्राम पंचायत में लाइट लगाने के लिए अलग-अलग तीन निर्माण एजेंसी को काम सौंपा है. साथ ही लगाये गये लाइट का की देखरेख और मरम्मत की जिम्मेदारियां निर्माण एजेंसी के पास होगी. खराब सोलर स्ट्रीट लाइट को 24 से 72 घंटे में ठीक करना है. ऐसा नहीं करने पर संबंधित निर्माण एजेंसी से प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित राशि जुर्माना के रूप में वसूली जायेगी. इन सभी व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ब्रेडा ने जिलास्तरीय कंट्रोल रूम बनाया है, जहां प्रत्येक खराब लाइट की ऑटोमैटिक सूचना मिलता है, जिसपर ब्रेडा के कर्मी निर्माण एजेंसी से समन्वयक बनाकर निर्धारित अवधि में खराब लाइट को मरम्मत कराते हैं. लेकिन ब्रेडा और निर्माण एजेंसी की लाइट लगाने के आंकड़ा में अंतर आने से खराब लाइट की मॉनीटरिंग सिस्टम प्रभावित होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है