बिहारशरीफ.
नालंदा जिले के रहुई प्रखंड के हवनपुरा पंचायत में नए पंचायत सरकार भवन के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. यह मामला अब पटना उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार के निर्देशानुसार पंचायत सरकार भवन पंचायत मुख्यालय हवनपुरा गांव में बनना चाहिए, लेकिन अंचलाधिकारी (सीओ) ने पंचायत मुख्यालय को छोड़कर पास के मल्लिचक गांव में निर्माण की अनुमति दे दी. एनओसी जारी होने के बाद जब कर्मी मल्लिचक में निर्माण कार्य शुरू करने पहुंचे, तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. मामले की सूचना मिलने पर अंचलाधिकारी, बीपीआरओ और थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और अधिकारियों से नोकझोंक करने लगे. स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में ले लिया. हवनपुरा पंचायत की कुल आबादी लगभग 8,000 है, जिसमें से 5,000 लोग हवनपुरा गांव में रहते हैं. ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत मुख्यालय हवनपुरा में पंचायत सरकार भवन के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है. यहां खाता संख्या 750 और 557 के अंतर्गत कुल 3.90 एकड़ सरकारी भूमि मौजूद है, जहां पहले से मध्य विद्यालय, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पानी टंकी, देवी स्थल, पुराना पंचायत भवन, सामुदायिक भवन और डेयरी फार्म बने हुए हैं. ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी पर मनमाने ढंग से मल्लिचक में पंचायत भवन निर्माण के लिए एनओसी जारी करने का आरोप लगाया है. इस फैसले के खिलाफ हवनपुरा पंचायत के दो ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की है. फिलहाल, हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा है. सीओ का बयान : अब हाईकोर्ट के आदेश का इंतजारइस संबंध में रहुई के अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में जाने के बाद जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई थी. जांच के बाद जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि वहां पंचायत सरकार भवन नहीं बनेगा. अब मामला हाइकोर्ट में चल रहा है, और आगे का फैसला उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर ही होगा.
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