Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत को लेकर अब राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को सवाल उठाया कि चुनाव के दौरान महिलाओं को पैसों का ट्रांसफर कीअनुमति आखिर निर्वाचन आयोग ने कैसे दी. पवार का दावा है कि इस योजना ने महिलाओं के बीच बड़ा जनसमर्थन पैदा किया, जिसने एनडीए की जीत को निर्णायक रूप से प्रभावित किया.
बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों ने जहां सत्तारूढ़ एनडीए के लिए बड़ी सफलता मिली, वहीं विपक्षी दलों में इस जीत को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है. अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पावर गुट) के प्रमुख शरद पवार ने भी चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं. पवार ने शनिवार को बारामती में कहा कि महिलाओं के लिए शुरू की गई योजना ने बिहार में एनडीए के पक्ष में निर्णायक माहौल बनाया और आश्चर्य जताया कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव के बीच इस योजना के तहत पैसों का ट्रांसफर की अनुमति क्यों और कैसे दी.
“महिलाओं ने चुनाव अपने हाथ में ले लिया” — शरद पवार
पवार ने कहा कि बिहार में भाजपा और जद(यू) मुख्यमंत्री पद को लेकर मिलकर फैसला करेंगी और नतीजे ठीक उसी दिशा में आए हैं, जैसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से कहते आए थे. लेकिन उन्होंने माना कि इस चुनाव का वास्तविक गेम-चेंजर महिलाएं रहीं.
उनके मुताबिक, महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपये जमा किए जाने वाली योजना ने चुनावी मैदान पूरी तरह बदल दिया और इसने व्यापक महिला समर्थन का माहौल तैयार कर दिया. पवार जिस योजना का जिक्र कर रहे थे, वह है “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना”, जिसके तहत हर परिवार की एक महिला को उद्यम स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.
पवार का आरोप- चुनाव प्रक्रिया के बीच धन वितरण लोकतंत्र के विपरीत
शरद पवार ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि इतना बड़ा पैसों का ट्रांसफर चुनाव प्रक्रिया के बीच होने दिया गया. उन्होंने निर्वाचन आयोग की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि आयोग को यह सोचना चाहिए कि चुनाव के दौरान सरकारी योजना का सीधा फायदा बांटना क्या उचित था.
पवार ने संकेत दिया कि इस योजना ने न सिर्फ चुनावी माहौल बदला, बल्कि एनडीए के वोट बैंक पर सीधा और मजबूत असर डाला. उनका कहना था कि चुनाव के दौरान सरकारी खजाने से पैसों का ट्रांसफर जनता के मत को प्रभावित करता है और यह प्रक्रिया की निष्पक्षता पर असर डाल सकता है.
“भविष्य में चुनावों में भी ऐसा हो सकता है” — पवार की चेतावनी
पवार ने चेतावनी दी कि यदि बिहार जैसा मॉडल सफल माना गया, तो आगामी चुनावों में भी विभिन्न राज्य सरकारें इसका अनुसरण कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी “लाड़की बहिण योजना” के तहत महिलाओं के खातों में आधिकारिक तौर पर राशि जमा कराई गई थी.
उन्होंने पूछा कि यदि सत्तारूढ़ दल चुनावों में “योजना आधारित वित्तीय लाभ” को रणनीति बना लेते हैं, तो इससे जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास कमजोर होगा और लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचेगा.
स्थानीय चुनावों पर भी संकेत
पवार ने कहा कि नगर पंचायत और पंचायत समिति के चुनावों में गठबंधन को लेकर स्थानीय नेता मिलकर फैसला करेंगे. उनके बयान से यह साफ है कि बिहार चुनाव के नतीजों ने कई राज्यों की रणनीतियों को प्रभावित किया है और विपक्ष अब रणनीति बदलने की तैयारी में है.

