Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक वीडियो संदेश जारी कर राज्य की जनता से “एक और मौका” देने की अपील की. उन्होंने कहा कि 2005 से पहले जब वह सत्ता में नहीं थे, तब बिहार पिछड़ापन, अपराध और भ्रष्टाचार के अंधेरे में था. एनडीए सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली में वह सुधार लाया जिससे बिहार की पहचान बदली. नीतीश ने अपनी अपील में कहा “पहले बिहारी कहलाना अपमान समझा जाता था, आज गर्व की बात है.”
“एक और मौका दीजिए” विकास की रफ्तार बढ़ाने का वादा
मुख्यमंत्री के इस संदेश में एनडीए के लिए जनता से समर्थन मांगते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के विकास की कहानी अभी अधूरी है. उन्होंने कहा, “एनडीए को एक और मौका दीजिए, ताकि हम बिहार को देश के टॉप राज्यों में शामिल कर सकें.” उन्होंने चुनावी संदेश में यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पंद्रह साल में उस बिहार को बदल दिया जहां कभी बिजली, सड़क और कानून व्यवस्था का संकट था.
नीतीश ने कहा कि उनकी प्राथमिकता रही है कि आम नागरिक का जीवन बेहतर बने. वे बोले, “हमने जो भी किया जनता की अपेक्षा और राज्य के भविष्य को ध्यान में रखकर किया. अब तक जो विकास हुआ, वह केवल शुरुआत है.”
2005 की याद और ‘बदलते बिहार’ की कहानी
वीडियो संदेश में नीतीश कुमार ने 2005 का उल्लेख करते हुए विपक्ष, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनी थी, तब बिहार की छवि देशभर में नकारात्मक थी. वे बोले “उस वक्त बिहारी कहलाना अपमान समझा जाता था. लोग राज्य के नाम से ही मजाक बनाते थे. लेकिन हमने साबित किया कि बिहार मेहनती, ईमानदार और प्रगतिशील लोगों का प्रदेश है.”
उन्होंने जोड़ते हुए कहा कि उनके शासन में अपराध पर लगाम लगी, शिक्षण संस्थान विकसित हुए और हर जिले तक सड़कें पहुंचीं. “हमने बिहार को पिछली पहचान से बाहर निकाला और एक नई पहचान दी.”
महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर
वीडियो संदेश में नीतीश कुमार ने महिलाओं की प्रगति को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि अब महिलाएं आत्मनिर्भर हैं, शिक्षित हैं और समाज में नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं. “पहले महिलाओं को राजनीति और समाज में अवसर नहीं मिलते थे. आज हर पंचायत में उनकी भागीदारी है और वे खुद निर्णय ले रही हैं,” उन्होंने कहा.
नीतीश ने यह भी याद दिलाया कि उनकी सरकार ने लड़कियों की शिक्षा के लिए साइकिल योजना और छात्रवृत्ति योजना लागू की, जिसने लाखों परिवारों की सोच बदली. “हमने बेटियों के लिए वो राह खोली जिससे वे अब किसी सहारे की मोहताज़ नहीं रहीं,” उन्होंने जोड़ा.
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में विपक्ष पर सीधा हमला करते हुए कहा कि “पहले की सरकारें सिर्फ अपने परिवार के हित में काम करती थीं, हमने पूरे बिहार के परिवार की चिंता की.” उनका बयान साफ तौर पर राजद और लालू परिवार की राजनीति को लक्ष्य करता है.
नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार ने जाति या वर्ग से ऊपर उठकर विकास किया और सबको समान अवसर देने की कोशिश की. वे बोले, “बिहार की सेवा करना ही मेरा परिवार है. इसी भावना से हमने हर वर्ग के लिए काम किया, चाहे किसान हों, मजदूर हों या नौजवान.”
युवाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान
नीतीश कुमार ने कहा कि बीते वर्षों में उनकी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो सुधार किए, उसी का परिणाम है कि आज बिहार आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक स्कूल और अस्पतालों का विस्तार हुआ है. उच्च शिक्षा के लिए नए कॉलेज खुले हैं और रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के लिए प्राथमिक केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है और टेलीमेडिसिन की शुरुआत ने गरीब परिवारों को राहत दी है. “हमने गरीबी घटाई और विकास की नींव मजबूत की,” नीतीश के शब्दों में यही उनका चुनावी वादा भी है.
अब बिहारी कहलाना सम्मान की बात
संदेश का भावनात्मक हिस्सा बिहार की अस्मिता पर केंद्रित रहा. नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य की छवि अब बदली है और बिहार का नाम सुनकर अब गर्व होता है. “हमने साबित किया कि अगर ईमानदारी और इच्छा शक्ति हो, तो बिहार जैसा राज्य भी बदल सकता है. आज बिहारी कहलाने में शर्म नहीं, गर्व है,” उन्होंने कहा.
उनका यह वक्तव्य आगामी चुनावी दौर में एक प्रमुख नारा बन सकता है, क्योंकि यह बिहार के आत्मगौरव और पहचान के सवाल को सीधे जनता से जोड़ता है.
एनडीए को दोबारा मौका देने की अपील
वीडियो के अंत में नीतीश कुमार ने जनता से कहा, “एनडीए को दोबारा मौका दीजिए ताकि बिहार के विकास की गति और तेज हो सके. हमने पहले भी कहा था, और आज फिर कहते हैं — बिहार को टॉप-पर लाना हमारा लक्ष्य है.”
उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य के हर व्यक्ति को सम्मान और सुरक्षा दिलाना उनकी जिम्मेदारी रही है और रहेगी. नीतीश के इस संदेश को जदयू और भाजपा दोनों ने सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया है.

