Bihar Election 2025: निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव को भरोसेमंद और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीकी तरीका अपनाया है. मतदान के दोनों चरणों में हर बूथ पर वेबकास्टिंग होगी ताकि फर्जी वोटिंग, अनुशासनहीनता जैसी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. आयोग के मुताबिक, यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास, जवाबदेही और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. अब किसी भी मतदान केंद्र की स्थिति पर रियल टाइम में नजर रखी जा सकेगी और जरूरत पड़ने पर तत्काल निर्णय लिए जा सकेंगे.
पहले और दूसरे चरण के सभी केंद्रों पर कैमरा नजर
निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण में कुल 45,341 मतदान केंद्रों और दूसरे चरण में 45,399 केंद्रों पर वेबकास्टिंग प्रणाली लागू की जाएगी. आयोग ने बताया कि हर बूथ पर कैमरे लगाए जाएंगे जिनसे राज्य के नियंत्रण कक्ष, जिला निर्वाचन कार्यालय और केन्द्रीय निगरानी कक्ष तक एक साथ लाइव फीड पहुंचाई जाएगी.
यह प्रणाली इस तरह तैयार की गई है कि किसी केंद्र पर अनियमितता, देरी या अनुशासनहीनता की स्थिति में अधिकारी तुरंत कार्रवाई कर सकें. वेबकास्टिंग के जरिए मतदाताओं को यह भरोसा भी मिलेगा कि उनके वोट पर किसी तरह का आंच नहीं आएगा.
उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई का तंत्र
वेबकास्टिंग से चुनाव आयोग को न केवल निगरानी की सुविधा मिलेगी, बल्कि निर्णय लेने की गति भी तेज होगी. लाइव वीडियो फीड के जरिये अधिकारी किसी भी बूथ की स्थिति तत्काल देख सकेंगे. अगर कहीं पर मतदान की गति धीमी दिखती है या भीड़ बढ़ जाती है, तो स्थानीय प्रशासन और पुलिस को तुरंत निर्देश दिए जाएंगे.
साथ ही, यदि मतदान केंद्र के भीतर अनधिकृत व्यक्ति की उपस्थिति, मोबाइल फोन या हथियार जैसी अवांछित गतिविधियां दिखाई देती हैं, तो कार्रवाई की जा सकेगी. इस प्रणाली का उद्देश्य मतदान के दौरान शुचिता और अनुशासन बनाए रखना है.
फर्जी मतदान पर लगेगा अंकुश
आयोग का मानना है कि तकनीक के इस इस्तेमाल से मतदाताओं को सुरक्षा और विश्वास दोनों का अनुभव मिलेगा. इससे बूथ पर तैनात मतदान अधिकारी, सुरक्षा बल और प्रतिनिधि भी अधिक सतर्क रहेंगे.
आयोग ने पिछले कुछ वर्षों से चरणबद्ध रूप में तकनीकी सुधारों पर जोर दिया है. अब वेबकास्टिंग को एक स्थायी निगरानी तंत्र के रूप में देखा जा रहा है. राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, इस तकनीक से मतदान के दौरान किसी भी अनियमितता की स्थिति में अधिकारी तुरंत हस्तक्षेप कर सकेंगे . चाहे वह बूथ पर बढ़ती भीड़ हो या मतदान कर्मियों की लापरवाही.
बिहार जैसे राज्य में जहां कुछ इलाकों में मतदान को लेकर तनाव या अफवाहें आम बात होती हैं, वहां यह पहल “भरोसे और निष्पक्षता की नई मिसाल” साबित हो सकती है.
बिहार में तकनीकी क्रांति की नई पहल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 राज्य में तकनीक और लोकतंत्र के संगम का प्रतीक बन रहा है. आयोग ने बताया कि वेबकास्टिंग की इस व्यवस्था से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी मजबूत होगी. नियंत्रण कक्षों में प्रशिक्षित तकनीकी कर्मी लगातार निगरानी करेंगे.
यह निगरानी व्यवस्था सिर्फ सुरक्षा या नियंत्रण तक सीमित नहीं बल्कि एक मनोवैज्ञानिक विश्वास भी पैदा करेगी. मतदाता को यह एहसास रहेगा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और उसका वोट सम्मानपूर्वक सुरक्षित रहेगा.निर्वाचन आयोग का यह प्रयास एक बड़े लोकतांत्रिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है, जिसने मतदाता और चुनाव व्यवस्थाओं के बीच पारदर्शी सेतु तैयार किया है.
चुनाव आयोग की तकनीकी तैयारी पूरी
आयोग ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी, वेबकैम और बिजली की बैकअप व्यवस्था पूरी कर ली गई है. जिला स्तर से लेकर राज्य नियंत्रण कक्ष तक एकीकृत मॉनिटरिंग नेटवर्क स्थापित किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि इस बार चुनावी पारदर्शिता पर कोई समझौता नहीं होगा.
भारत निर्वाचन आयोग भी बिहार मॉडल को भविष्य में अन्य राज्यों में लागू करने पर विचार कर रहा है, ताकि तकनीक के माध्यम से लोकतंत्र को और मजबूत किया जा सके.

