अस्पताल प्रशासन ने साधी चुप्पी, टकटकी लगाये देखते रहे कर्मचारी
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फिर सामने आयी अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता
अस्पताल प्रशासन ने साधी चुप्पी, टकटकी लगाये देखते रहे कर्मचारी जनसेवक ने बढ़ाया हाथ लावारिस को मिला उनका साथ आरा : आठ दिन बाद भी अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों के मन में मानवता नहीं जगा. लेकिन एक राहत की बात जरूर हुई कि एक संगठन का जनसेवक सामने आया और कीड़े पड़े 30 वर्षीय युवक […]
जनसेवक ने बढ़ाया हाथ लावारिस को मिला उनका साथ
आरा : आठ दिन बाद भी अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों के मन में मानवता नहीं जगा. लेकिन एक राहत की बात जरूर हुई कि एक संगठन का जनसेवक सामने आया और कीड़े पड़े 30 वर्षीय युवक को अपने बलबूते पर पटना लेते गया. इस कारण थोड़ी सी ही सही मानवता शर्मसार होने से बच गयी. इस हृदय विदारक घटना के बारे में जितने भी लोगों ने सुना उन्होंने अस्पताल प्रशासन को कोसा ही. आपको बता दें कि छह दिनों पहले सदर अस्पताल में पीरो पुलिस ने सड़क दुर्घटना में जख्मी 30 वर्षीय लावारिस युवक को लाकर भरती कराया था मगर इलाज करने के बजाय अस्पताल प्रशासन ने उसे लावारिस ही छोड़ दिया.
दो दिनों पहले प्रभात खबर में छपी खबर को देखने के बाद भाजपा प्रचार मंच के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राम प्रकाश पांडेय के मन में मानवता जागी और सीधे अस्पताल पहुंच कर प्रशासन से लावारिस के इलाज करने की मांग की. काफी प्रयास के बाद भी जब मानवता की दुहाई देने के बाद भी अस्पताल प्रशासन इलाज करने के लिए तैयार नहीं हुआ,
तो थक- हारकर राम प्रकाश पांडेय ने पटना पीएमसीएच ले जाना ही उचित समझा और कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद पटना एंबुलेंस से गुरुवार को इलाज के लिए लेते गया. यहां अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर पूरी तरह प्रश्नचिह्न खड़ा होता है कि क्या सचमुच यहां मानवता जिंदा है या फिर पूरी तरह मर चुकी है.
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