स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 47 वीं वाहिनी कोईलवर में कार्यरत डिप्टी कमांडेंट अंजनी कुमार को उनकी वीरता व अद्म्य साहस के लिए दूसरी बार राष्ट्रपति के द्वारा पुलिस के वीरता पदक से सम्मानित किया जायेगा़ इसकी घोषणा 15 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा की गयी़ वहीं अभी हाल के दिनों मे उन्हें सीआरपीएफ के आइजी द्वारा डीजी डिस्क सम्मान व गोल्ड पदक दे सम्मानित किया गया था़ मालूम हो कि श्री कुमार भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाने के हाटपोखर के निवासी हैं,
जिनकी प्रारंभिक शिक्षा जिले से ही हुई है़ बताते चले कि जगदीशपुर के हाटपोखर निवासी पिता जगदीश चौबे व माता सुनैना देवी के पुत्र अंजनी कुमार की बेसिक शिक्षा जगदीशपुर उच्च विद्यालय से हुई है. इसके बाद आरा जैन कॉलेज से आइएससी परीक्षा पास करने के बाद आगे की शिक्षा के लिए बीएचयू चले गये और यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद 2008 में 39 वें बैच में सहायक कमाडेंट के लिए चुने गये और उन्होंने श्रीनगर में सीआरपीएफ की 182 वीं वाहिनी में एसी के रूप में योगदान दिया़
इसके बाद उन्होंने 2009 में नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ राज्य के बिजापुर जिले में बतौर सहायक कमांडेंट सीआरपीएफ के 204 वाहिनी कोबरा बटालियन में योगदान दिया़ 14 फरवरी, 2014 को जिले के तमोरी गांव में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में उन्होंने एक नक्सली को मार गिराया, भारी मात्र में गोला- बारूद बरामद किया गया और नक्सली एंबुलेंस को छोड़ उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया गया़ साथ ही बहुत सारे ऑपरेशन किये गये, जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 47 वीं वाहिनी कोईलवर, भोजपुर में बतौर डिप्टी कमांडेंट के पद पर योगदान किया़ इससे पहले भी उन्हें 2014 में अदम्य साहस के लिए राष्ट्रपति गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है़