संवाददाता, आरा
दोहरे हत्या समेत अलग-अलग हत्या के मामले में कोर्ट ने पिता, पुत्र, पत्नी समेत पांच को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इसमें दो आरोपित पिता-पुत्र को मृत्यु तक कारावास की सजा दी गयी.
अपने सहोदर भतीजा व भाभी की हत्या करने के मामले में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेपी मिश्र ने आरोपित सुदर्शन साह, इसके पुत्र उपेंद्र साह को मृत्यु तक सश्रम कारावास व उसकी पत्नी राज कुमारी देवी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. अभियोजन पक्ष की ओर से सजा के बिंदु पर एपीपी केदार प्रसाद गुप्ता ने बहस की थी. उन्होंने बताया कि धनगाई थाना अंतर्गत दलीपुर गांव निवासी सुदर्शन साह ने आपसी विवाद को लेकर 17 अक्तूबर, 2011 को अपने पुत्र उपेंद्र साह व पत्नी राज कुमारी देवी के साथ मिल कर अपने भतीजे सोनू कुमार (12) व भाभी सुमित्र व शीलवंती देवी को छुरा से मार कर हत्या कर दी थी. अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 12 गवाहों की गवाही हुई थी. इधर हत्या के मामले में तदर्थ न्यायालय द्वितीय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद ने आरोपित सर्वानंद सिंह एवं इसके पुत्र शिवशंकर सिंह को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी. वहीं आरोपित सुशीला देवी व शिवाकर सिंह पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोप मुक्त करते हुए रिहाई का आदेश दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से प्रेम कुमार पंडित ने बहस की . उन्होंने बताया कि उदवंतनगर थाना अंतर्गत पिअनिया गांव निवासी श्री भगवान सिंह को 14 अगस्त, 2008 को बंदूक से गोली मार कर हत्या व उसकी पत्नी गीता देवी को जख्मी कर दिया था. घटना को लेकर सर्वानंद सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसमें कहा गया था कि जमीन विवाद को लेकर आरोपितों ने छत पर बैठे दोनों को गोली मार दी.