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SBI Share Price: आठ दिसंबर को 1.66% गिरा एसबीआई का शेयर, मगर 5 साल में दिया छप्परफाड़ मुनाफा

SBI Share Price: 8 दिसंबर 2025 को एसबीआई का शेयर 1.66% गिरकर 955.40 रुपये पर बंद हुआ, लेकिन पिछले पांच सालों में इसने निवेशकों को 250.67% का शानदार रिटर्न दिया है. 2020 में 1 लाख रुपये का निवेश आज 3.50 लाख रुपये से अधिक हो गया होता. बाजार गिरावट के बावजूद एसबीआई ने दीर्घकालिक निवेशकों को मजबूत मुनाफा दिया. फेडरल रिजर्व की नीति, एफआईआई बिकवाली और बाजार उतार-चढ़ाव से शेयर पर दबाव दिखा.

SBI Share Price: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) का शेयर सोमवार 8 दिसंबर 2025 को करीब 1.66% तक गिर गया. लेकिन, इस बैंक के शेयर ने पिछले पांच सालों के दौरान अपने निवेशकों को छप्पड़फाड़ करीब 250.67% तक का रिटर्न दिया है. सोमवार के कारोबारी सत्र के आखिर में एसबीआई का शेयर 16.10 रुपये या 1.66% कमजोर होकर 955.40 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ.

क्यों गिरा एसबीआई का शेयर

सोमवार को शेयर बाजार में जोरदार गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स करीब 609.68 अंक या 0.71% और निफ्टी भी 225.90 अंक या 0.86% गिरकर बंद हुए. सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 26 के शेयर धराशायी हो गए. इसमें एसबीआई का शेयर भी शामिल था. हालांकि, एसबीआई के शेयर को कम घाटा हुआ. सबसे अधिक घाटा जोमैटो के शेयर को हुआ. शेयर बाजार का कारोबार शुरू होने के साथ एसबीआई का शेयर 970.05 रुपये पर खुला था, जो बाजार बंद होने के समय गिरकर 955.40 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ.

शेयर बाजार में क्यों आई गिरावट

फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा से पहले बढ़ी सतर्कता और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई. जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर की मानें, तो घरेलू शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण इस हफ्ते के फेडरल रिजर्व बैंक की पॉलिसी फैसले से पहले निवेशक सतर्कता है. मजबूत घरेलू विकास के आंकड़ों और (आरबीआई) की ओर से हाल ही में ब्याज दर में कटौती के बावजूद शॉर्ट-टर्म सेंटिमेंट वैश्विक मौद्रिक नीति की चिंताओं, लगातार विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) आउटफ्लो और करेंसी में गिरावट से प्रभावित रहा.

एसबीआई के शेयर ने 5 साल में बना दिया धन्नासेठ

एसबीआई का शेयर तात्कालिक कारणों से भले ही सोमवार को 1.66% गिर गया हो, लेकिन इसका रिकॉर्ड चेक कीजिएगा तो इसने अपने निवेशकों को पिछले पांच सालों के दौरान बंपर रिटर्न दिया है. पिछले छह महीने के दौरान एसबीआई के शेयर ने अपने निवेशकों को 16.51% और एक साल के दौरान 11.35% का रिटर्न दिया है. वहीं, पांच साल के दौरान इसने अपने निवेशकों को 250.67% तक छप्परफाड़ रिटर्न दिया है. 11 दिसंबर 2020 को एसबीआई का शेयर 272.45 रुपये पर बंद हुआ था और आज 8 दिसंबर को यह 955.40 रुपये पर पहुंच गया है.

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1 लाख के निवेश पर 2.5 लाख से अधिक कमाई

अगर किसी व्यक्ति ने पांच साल पहले 11 दिसंबर 2020 को 272.45 रुपये की कीमत पर 1 लाख रुपये लगाकर एसबीआई का शेयर लिया होगा, तो आज 8 दिसंबर 2025 को उसके शेयर में 1.66% की गिरावट के बावजूद उसने 2.5 लाख रुपये से अधिक करीब 2,50,670 रुपये की कमाई की होगी. इस मुनाफे के साथ उसके खाते में इस समय करीब 3,50,670 रुपये का फंड जमा हो गया होगा. यानी पांच साल में दोगुने से भी अधिक मुनाफा हुआ. अगर यह पैसा किसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट किया गया होता, तो निवेशक को इन पांच सालों में बैंक की ओर से 250.67% का बड़ा रिटर्न नहीं मिलता.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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