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सभी तक नहीं पहुंच पा रही स्कीम : न्यायमूर्ति
आरा : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को नागरी प्रचारिणी सभागार में किया गया, जिसका उद्घाटन पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके झा, बाल विकास संरक्षण आयोग के अध्यक्ष निशा झा, एसपी […]
आरा : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को नागरी प्रचारिणी सभागार में किया गया, जिसका उद्घाटन पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके झा, बाल विकास संरक्षण आयोग के अध्यक्ष निशा झा, एसपी नवीन चंद झा, एडीएम सुरेश कुमार सिन्हा, जिप अध्यक्ष फुलवंती देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. अपर न्यायाधीश एस के सिंह ने विषय प्रवेश कराते हुए विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 की धारा 12 पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि इससे संबंधित कमजोर वर्ग यानी बच्चे, महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति, आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को क्या-क्या लाभ मिलना चाहिए. उन तक पहुंचाने के लिए प्राधिकार द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया है. प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष न्याय मूर्ति वीएन सिन्हा ने कहा कि पांच से 10 प्रतिशत जनता मुकदमे से जुड़े हैं.
उन्होंने कहा कि प्राधिकार के कार्य एवं पंचायती राज कानून में वर्णित कार्य दोनों समरूप है. 70 से 80 प्रतिशत जनता को राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक न्याय दिलाने की जिम्मेवारी संविधान को है. राजनीतिक रूप से सब बराबर हुए है. सामाजिक व आर्थिक रूप से बराबर नहीं हो पा रहे हैं.
प्राधिकार उनको आर्थिक रूप से आगे बढ़ने का कार्य कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कमजोर वर्ग यानी की बच्चे, महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति व आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर लोगों के लिए स्कीम बनाया गया है, लेकिन सभी को स्कीम नहीं पहुंच रहा है. उन्हीं स्कीमों को पहुंचाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित कर आप से संवाद स्थापित किया जा रहा है. सरकार की ओर से भी लोग शामिल हैं.
उन्होंने एडीएम के माध्यम से अनुरोध किया कि सारे स्कीमों का सूची बना कर प्राधिकार को सौंपे. ये सारी स्कीमें पंचायत स्तर के वार्ड में कितने व्यक्ति है, उनको लाभ पहुंचाया जा सके. जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके झा अतिथियों का स्वागत करते हुए अपना विचार व्यक्त किया. बाल विकास संरक्षण आयोग के अध्यक्ष निशा झा ने 0-18 वर्ष के बच्चों को अधिकार मिलना चाहिए.
कार्यक्रम को बिहार राज्य सेवा प्राधिकार के रजिस्ट्रार विपुल सिन्हा, एडीएम सुरेश कुमार सिन्हा, न्यायिक दंडाधिकारी दिनकर कुमार, जिप अध्यक्ष फुलवंती देवी, राजन सिंह, यूनिसेफ के अजय कुमार झा, पंचायती राज विभाग के अखिलेश प्रसाद सिन्हा, बाल संरक्षण के सहायक निदेशक संजय उपाध्याय, राज सरपंच के अध्यक्ष डॉ राजेश कुमार, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाधार सिंह, सचिव राजेश कुमार पांडेय ने अपने विचार व्यक्त किये. धन्यवाद ज्ञापन कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राम विनोद सिंह ने किया.
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