आरा/जगदीशपुर : आयर थाने के बलिगांव गांव के पास नहर से हत्या कर बोरे में बांध कर फेंका गया एक छात्र का शव पुलिस ने बरामद किया है. शव की पहचान बलिगांव गांव निवासी पिंटू बैठा के 14 वर्षीय पुत्र अंकित कुमार के रूप में की गयी. वह जनता हाइस्कूल के नौवें क्लास का छात्र था. बताया जाता है कि अंकित 14 फरवरी को घर से बाहर निकला था.
घटना का कारण प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है. पिंटू बैठा ने आयर थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. इधर, आयर थाने की पुलिस ने प्रेमिका, उसके माता-पिता, दो चाचा व दादा समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार लोगों में अनिल यादव, रिंकू देवी, धंजी यादव, मंजू देवी, जितेंद्र यादव, नितू कुमारी तथा केशव प्रसाद शामिल हैं.
सभी को जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने बताया कि पूछताछ में यह बात सामने आयी की प्रेमिका द्वारा घटना के दिन प्रेमी को फोन कर बुलाया गया था और सभी ने मिलकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को बोरे में बंद कर नहर के पास फेंक दिया. अनुसंधान में यह भी बात सामने आयी कि अंकित और लड़की दोनों एक ही क्लास के छात्र थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार लाठी-डंडे से पीटकर हत्या की गयी. एसपी ने कहा कि सभी के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलायी जायेगी.
कजरा (लखीसराय). स्थानीय थाना क्षेत्र के श्रीघना-लखना बहियार के बीच केनुआनी आहर पर रविवार की अहले सुबह एक शव होने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गयी. मृतक की उम्र लगभग 65 वर्षीय बतायी गयी. उसकी पीट-पीट कर हत्या कर शव को फेंक दिये जाने का अंदेशा जताया जा रहा है. वहीं, घटना के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
घटना की जानकारी मिलते ही धीरे-धीरे ग्रामीणों का सैलाब उमड़ पड़ा. मुतक की पहचान सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र के मानूचक गांव निवासी स्वर्गीय केशो बिंद के 65 वर्षीय पुत्र सह चापाकल मिस्त्री अर्जुन बिंद के रूप में की गयी. मृतक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान पाये गये और उनका दाहिना आंख भी फूटा था. मृतक के सिर में गमछे से पगड़ी और गले में चादर बंधी थी.
ग्रामीणों ने घटना की जानकारी कजरा थाने को दी, जिसके उपरांत लगभग चार घंटे देर से कजरा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए लखीसराय भेज दिया. सूचना मिलने पर एसडीपीओ रंजन कुमार भी घटनास्थल पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी ली. ग्रामीणों ने अंदेशा जताया कि शिवडीह गांव में चापाकल का काम कर वापस घर मानूचक लौटने के दौरान श्रीघना महादलित टोले में शराब पिला कर उनकी हत्या की गयी और हत्या का राज छिपाने के लिए शव को आहार में फेंक दिया गया होगा.