आरा : जिले में बैंकर्स और प्रशासन की लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना रोजगार सृजित करने में फ्लॉप साबित हो रही है. केंद्र सरकार ने बेरोजगार युवकों को रोजगार के अवसर सृजित करने तथा छोटे उद्योगों से जोड़ने को लेकर इस योजना शुरू की थी.
जिले में उक्त योजना का बुरा हाल है. जिले में पिछले दो वित्तीय वर्ष से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की उपलब्धि च्छी नहीं है. बावजूद इसके योजना में रुचि नहीं दिखाने वाले बैंककर्मियों के विरुद्ध न तो बैंक के आलाधिकारी और न ही प्रशासन के आलाधिकारी के स्तर से इसको लेकर कोई कार्रवाई की गयी है.
इसके कारण चालू वित्तीय वर्ष में भी अगस्त तक एक भी आवेदनकर्ता को उक्त योजना के अंतर्गत ऋण मुहैया नहीं कराया गया है. पिछले जिलास्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में वित्तीय वर्ष 2018-19 के निर्धारित लक्ष्य 86 को पूरा नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने बैंकर्स को राज्य और राष्ट्र के हित में उक्त योजना में रुचि लेने का निर्देश दिया था.
वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले को प्राप्त 117 बेरोजगार युवकों को रोजगार के लिए वित्तपोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने का भी निर्देश दिया था. फिर भी भोजपुर जिले में अब तक एक भी व्यक्ति को ऋण नहीं दिया जा सका है.
इस प्रकार से जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना मानों बैंकों की उदासीनता और लापरवाही की भेंट चढ़ गयी है. उल्लेखनीय है कि जिले में उक्त योजना में सबसे अधिक लक्ष्य पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक को दिया गया है. इस संबंध में एलडीएम का कहना है कि उक्त योजना में बेहतर प्रगति के लिए सभी बैंकर्स को निर्देशित किया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में उक्त योजना में बेहतर उपलब्धि होने की उम्मीद है.
बैंकवार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का लक्ष्य
चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का बैंकवार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. फिर भी उक्त योजना गति नहीं पकड़ पा रही है. इसके कारण जिले के बेरोजगार युवक स्वयं के रोजगार सृजन करने के बजाय रोजगार के तलाश में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब का रुख करने को मजबूर हैं. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत जिले के 117 बेरोजगार युवकों को ऋण मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है.
इलाहाबाद बैंक को 2, अांध्रा बैंक को 1, बैंक ऑफ बड़ौदा को 10, बैंक ऑफ इंडिया को 4, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा को 1, केनारा बैंक को 4, सीबीआइ बैंक को 6, कॉरपोरेशन बैंक को 1, यूनियन बैंक को 2, आइओबी बैंक को 2, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को 2, पंजाब नेशनल बैंक को 22, भारतीय स्टेट बैंक को 15, सिंडिकेट बैंक को 1, यूको बैंक को 4, यूनियन बैंक को 8, यूनाइटेड बैंक को 2, आइडीबीआइ बैंक को 1, पंजाब एंड सिंध बैंक को 1, एक्सिस बैंक को 3, बंधन बैंक को 7, आइसीआइसीआइ बैंक को 1 तथा एसडीएफसी बैंक को 3 सहित 117 बेरोजगारों को ऋण दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है.
