आरा : सरकार द्वारा जिले में युवाओं सहित अन्य पशुपालकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समग्र गव्य विकास के तहत कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन सरकार के जिम्मेदार विभाग द्वारा लापरवाही के कारण योजनाएं अधर में लटक गयीं हैं. पिछला वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कारण आवेदकों को निराशा ही हाथ लगी. विभाग की लापरवाही लोगों को रोजगार पाने की दिशा में बाधक बनी हुई है.
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समग्र गव्य विकास की योजनाएं अधर में
आरा : सरकार द्वारा जिले में युवाओं सहित अन्य पशुपालकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समग्र गव्य विकास के तहत कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन सरकार के जिम्मेदार विभाग द्वारा लापरवाही के कारण योजनाएं अधर में लटक गयीं हैं. पिछला वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कारण आवेदकों को निराशा ही हाथ लगी. […]
इस कारण सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ जिलेवासियों को नहीं मिल पाया. इससे पशुपालकों सहित रोजगार की तलाश कर रहे अन्य लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. जिम्मेदार लोगों द्वारा ही योजना की सफलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया गया.
सरकार ने निर्धारित किया था लक्ष्य : समग्र गव्य विकास योजना के तहत जिले के लिए सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया था. इसमें दो दुधारू मवेशी योजना के तहत 85, चार दुधारू मवेशी योजना के तहत 12 व 10 दुधारू मवेशी योजना के तहत 9 प्रोसेसिंग यूनिट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. वहीं खोया मेकिंग, पनीर मेकिंग, घी मेकिंग एवं मिलकिंग मशीन के लिए भी इसके साथ ही लक्ष्य निर्धारित किया गया था. ताकि जिलेवासियों को इसका लाभ मिल सके व रोजगार के तहत जीवन स्तर को सुधार सकें, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण 50 प्रतिशत लक्ष्य भी नहीं पाया गया.
दो दुधारू मवेशी योजना के तहत महज 11 यूनिट की स्वीकृति दी गयी. वहीं चार दुधारू मवेशी योजना के तहत दो यूनिट की स्वीकृति दी गयी. जबकि 10 दुधारू मवेशी योजना के तहत महज एक यूनिट की स्वीकृति दी गयी. मिलकिंग मशीन, खोया मेकिंग ,घी मेकिंग व पनीर मेकिंग के तहत एक भी यूनिट की स्वीकृति नहीं दी गयी. इससे सरकार की योजना जिले में धराशाई हो गयी.
योजना के लिए स्वीकृत की जाती है राशि : समग्र ग्राम विकास योजना के तहत सरकार द्वारा राशि स्वीकृत की जाती है. लड़कों के आवेदन को बैंकों में भेजा जाता है. बैंकों द्वारा लाभुकों को राशि दी जाती है.
दो दुधारू मवेशी योजना के तहत एक लाख छह हजार की राशि देने का प्रावधान है. वहीं चार दुधारू मवेशी योजना के तहत तीन लाख 10 हजार की राशि दी जाती है. जबकि 10 दुधारू मवेशी योजना के तहत नौ लाख 80 हजार की राशि दी जाती है. यह लक्ष्य सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए निर्धारित की गयी थी. इसके तहत 50 प्रतिशत राशि का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है.
अनुसूचित जातियों के लिए निर्धारित लक्ष्य : सरकार ने अनुसूचित जातियों के लिए जिले में समग्र गव्य विकास योजना के तहत दो दुधारू मवेशी यूनिट के लिए 25 यूनिट का लक्ष्य निर्धारित किया था. जबकि चार दुधारू मवेशी योजना के तहत चार यूनिट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. वहीं 10 दुधारू मवेशी योजना के तहत एक यूनिट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इस योजना के तहत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लिए 66.66 प्रतिशत की राशि अनुदान में दी जाती है.
अनुसूचित जाति के लिए दो दुधारू मवेशी योजना के तहत महज दो यूनिट की स्वीकृति विगत वित्तीय वर्ष में दी गयी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की योजना के प्रति विभाग का रवैया कितना गैर जिम्मेदाराना है. इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी का कहना है कि आवेदनों को बैंकों में भेजा गया है. स्वीकृति व योजना के तहत यूनिट को स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है.
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