नाराजगी. बालू को लेकर भोजपुर व्यवसायी संघर्ष मोर्चा ने कराया बंद
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ट्रेनों को रोका और जाम कीं सड़कें कई जगहों पर प्रदर्शन व नारेबाजी
नाराजगी. बालू को लेकर भोजपुर व्यवसायी संघर्ष मोर्चा ने कराया बंद आरा : लगभग पांच महीने से बालू निकासी बंदी से परेशान बालू, सीमेंट, छड़ व्यवसायियों के सब्र का बांध टूट गया. मजबूर होकर व्यवसायियों तथा मजदूरों ने बुधवार को भोजपुर बंद के आह्वान के तहत सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. व्यावसायिक संघर्ष मोर्चा की […]
आरा : लगभग पांच महीने से बालू निकासी बंदी से परेशान बालू, सीमेंट, छड़ व्यवसायियों के सब्र का बांध टूट गया. मजबूर होकर व्यवसायियों तथा मजदूरों ने बुधवार को भोजपुर बंद के आह्वान के तहत सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. व्यावसायिक संघर्ष मोर्चा की ओर से शहर के अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी बंद कराया गया. चौक-चौराहों को जाम कर दिया गया. बंद के समर्थन में कामगार मजदूरों ने जमीरा हाॅल्ट पर संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस और अप लाइन में मालगाड़ी को रोका दिया.
इसकी वजह से अप व डाउन लाइन पर घंटों आवागमन बाधित रहा. प्रदर्शन के दौरान व्यवसायियों व मजदूरों ने सरकार विरोधी नारे लगाये. इस दौरान जिले के सभी सीमेंट, छड़ व गिट्टी के दुकान पूरी तरह बंद रहे. हड़तालियों ने सरकार के गलत बालू नीति का विरोध करते हुये कहा कि बालू बंद होने से हजारों मजदूर व व्यवसायी बेरोजगार हो गये है. उनके सामने भूखमरी की स्थित पैदा हो गयी है. व्यवसायियों द्वारा वीर कुंवर सिंह मैदान से जुलूस निकाला गया.
जुलूस धर्मन चौक, शीशमहल चौक, जेल रोड, हॉस्पिटल रोड, नवादा होते हुए समाहरणालय पहुंचा. इस अवसर पर अंजनी कुमार चौधरी, संजय कुमार, उमेश कुमार, अमित कुमार निराला, संजीव गुप्ता, सोनू कुमार, अभिषेक कुमार, आलोक अंजन, शेष नारायण, मनोरंजन कुमार कुशवाहा, जेली कुमार व नंद कुमार सहित कई मौजूद थे.
बालूबंदी से परेशान हैं सभी लोग : सरकार बालू खुदाई कर पाबंदी लगाने से जिले के आम व खास सभी परेशान है,तो मजदूर बेहाल है. निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है. सरकारी स्तर पर भवन निर्माण, शौचालय निर्माण सहित सड़क निर्माण आदि पूरी तरह ठप है. वहीं कई लोगों द्वारा कराये जा रहे आवासीय भवन निर्माण का कार्य भी पूरी तरह ठप है.
इस कारण खास लोग को परेशान ही है. काम नहीं मिलने के कारण भी परेशान है. एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण को काफी महत्व दे रही है ताकि जिले के ओडीएफ घोषित कर स्वच्छता के मापदंड पर खरा उतर सके पर सरकार द्वारा बालू बंदी करके अपनी ही योजना पर प्रश्न चिह्न खड़ा किया जा रहा है.
सीएम व डिप्टी सीएम के पुतले फूंके
जुलूस के समाहरणालय पहुंचने पर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का पुतला फूंका तथा नारे लगाये. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बालू बंद होने से व्यापारियों के समक्ष दिवालिया की स्थित बन गयी है. सरकार क्षति की भरपाई करे, गलती सरकार की है.
बालू बंदी से सीमेंट व्यवसायी सबसे अधिक प्रभावित हुये. गोदामों में रखे करोड़ों का सीमेंट ब्रिकी नहीं होने के कारण खराब हो चुके है. सरकार सीमेंट व्यवसायियों सहित सभी प्रभावित लोगों को मुआवजा दे. सरकार के अनावश्यक जिद के कारण निर्माण कार्य ठप है. इस अवसर पर जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त किया गया.
वक्ताओं ने कहा कि बालू खुदाई चालू नहीं की गयी, तो उग्र प्रदर्शन किया जायेगा.
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