– चतुर्थ चरण में अंगीभूत हुए काॅलेजाें के कर्मियाें का दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर दोनों अधिकारियों सशरीर उपस्थित होने का निर्देश
टीएमबीयू में चतुर्थ चरण में अंगीभूत हुए काॅलेजाें के कर्मियाें का दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर सुप्रीम काेर्ट ने सख्ती बरती है. इस बाबत काेर्ट ने विवि के कुलपति व रजिस्ट्रार काे नाै जनवरी काे सशरीर उपस्थित हाेकर कारण बताने काे कहा है. अभी प्रभारी कुलपति व रजिस्ट्रार पेशी के लिए जा सकते हैं. अगर जनवरी के पहले सप्ताह तक नियमित कुलपति की नियुक्ति हाे जाती है, ताे उन्हें पेश होना होगा.
कर्मियाें का दस्तावेज व डाटा काेर्ट ने उस समय मांगा था, जब विवि के पूर्व कुलपति प्रो जवाहर लाल थे. लेकिन उस समय में इसकी प्रक्रिया नहीं की गयी. मामला उन कर्मियाें का है, जिनकी सेवा काे लेकर 1980 के दशक के अंत से ही विवाद जारी है. उन काॅलेजाें के कर्मियाें की सेवा काे लेकर राज्य सरकार ने आवदेन व दस्तावेज देने काे कट ऑफ डेट निर्धारित किया था. उसके बाद उनके पद सृजन का प्रस्ताव सरकार काे भेजा गया था. उन्हें नाॅट रिकमंडेड या रिकमंडेड टू श्रेणी में रखा गया था. इससे उनकी सेवा व वेतन प्रभावित हुआ था. इसे लेकर उन कर्मियों ने अपील पर जस्टिस एसवी सिन्हा आयाेग का गठन कर सुनवाई की गयी थी. मामला अब तक चल रहा है. सुप्रीम काेर्ट में भी सुनवाई चल रही है. रजिस्ट्रार प्राे रामाशीष पूर्वे ने बताया कि आयोग से जुड़े मामलाें में काेर्ट ने दस्तावेज मांगा था. इसे लेकर काेर्ट ने पेश हाेने के लिए कहा गया है. इसे लेकर तैयारी की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

