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bhagalpur news. एसटीपी पर लटकी तलवार, बुडको-बिजली विभाग आमने-सामने

शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को 30 जून तक चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन बिजली विभाग की ओर से काम शुरू न होने के कारण यह डेडलाइन अधर में लटक गयी है

ब्रजेश, भागलपुर

शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को 30 जून तक चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन बिजली विभाग की ओर से काम शुरू न होने के कारण यह डेडलाइन अधर में लटक गयी है. बिजली के काम के लिए 9 करोड़ 28 लाख रुपये का अनुमानित बजट है, जिसमें पंपिंग स्टेशन के लिए करीब 2 करोड़ 56 लाख और एसटीपी के लिए 6 करोड़ 72 लाख रुपये शामिल हैं. यह राशि बिजली इंस्टॉलेशन के काम के लिए है. पैसा लेकर भी काम शुरू नहीं कराया गया है. इस मामले में उच्चाधिकारी भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. बुडको के कार्यपालक अभियंता ने नगर विकास और आवास विभाग के एमडी से शिकायत की है. एमडी ने उन्हें बिजली विभाग के एमडी से बात करने को कहा, जिस पर भी बात हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इस स्थिति से एसटीपी के समय पर चालू होने की उम्मीद कम रह गयी है.

बुडको का आरोप: बिजली विभाग पैसा लेकर भी कर रहा बहानेबाजी

बुडको के अधिकारी का कहना है कि बिजली विभाग ने पंपिंग स्टेशन के लिए सुपरविजन चार्ज सहित इंस्टॉलेशन कार्य की पूरी राशि ले ली है और एसटीपी के लिए सिर्फ सुपरविजन चार्ज लिया गया है. एसटीपी के लिए भी पूरी राशि देने को तैयार है, बावजूद इसके बिजली विभाग ने अभी तक काम शुरू नहीं किया है. जिस वजह से काम अधर में लटका है.

मांग रहा 21 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज, देने को भी तैयार, फिर भी कर रहा ना-नुकूर

बुडको के अनुसार बिजली विभाग के एमडी से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई, ताे यूडीएचडी के एमडी ने बुडको से कह दिया है कि 21 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज देकर काम शुरू करायें. बुडको अब 21 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज और इंस्टॉलेशन कार्य की पूरी राशि देने को तैयार है लेकिन, बिजली विभाग काम कराने के लिए टालमटोल कर रहा है.

बिजली विभाग का अब नया टालमटोल

पंपिंग स्टेशनों और एसटीपी के लिए बिजली इंस्टॉलेशन कार्य कराने के लिए अब बिजली विभाग का नया टालमटोल शुरू हो गया है. बुडको जब उनकी शर्तों को मानने और पूरी राशि देने के लिए तैयार हो गया, तो अब उनका कहना है कि बिजली विभाग खुद से काम नहीं करता है. टेंडर जारी करेंगे. एजेंसी का चयन होगा. वर्क ऑर्डर जारी किया जायेगा. चयनित एजेंसी के साथ एग्रीमेंट होगा, तभी यह काम शुरू हो सकेगा. टेंडर से लेकर एजेंसी चयन में कितना वक्त लगता है, यह तो पूरा शहर जानता है. ऐसे में डेडलाइन 30 जून को एसटीपी चालू नहीं हो सकेगा.

इको सेंसेटिव जोन के लिए अब तक नहीं मिला एनओसी, लटका है 5 पंपिंग स्टेशन का काम

एसटीपी के लिए पंपिंग स्टेशन का निर्माण महत्वपूर्ण है. 10 पंपिंग स्टेशन बनना है. इसमें पांच पंपिंग स्टेशन का काम अबतक शुरू नहीं हुआ है. दरअसल पांच पंपिंग स्टेशन एक, दो, तीन, चार व पांच इको सेंसेटिव जोन में आता है और निर्माण पर रोक लगा है. अबतक एनओसी नहीं मिला है और न ही निर्माण हो सका है. पांच पंपिंग स्टेशन के नहीं बनने से पूरी क्षमता के साथ एसटीपी चालू नहीं हो सकेगा. जबकि खर्च पूरी क्षमता के साथ चालू करने के लिए हुआ है. ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी की है लेकिन, यह 25 एमएलडी से ही चालू हो सकेगा. वह भी जब बिजली का काम होगा, तभी उम्मीद की जा सकती है

काेट

पंपिंग स्टेशन के लिए बिजली कार्य मद में पूरी राशि दी गयी है. एसटीपी के लिए सुपरविजन चार्ज 15 प्रतिशत दिया गया है. पूरी राशि देने के लिए तैयार है. फिर भी काम शुरू नहीं करा रहा है. दोनों विभाग के एमडी को पूरी बात बतायी गयी है.

अखिलेश्वर प्रसाद, कार्यपालक अभियंता

बुडको, भागलपुर

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