शनिवार को रक्षाबंधन पर शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा और विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) में बहनों का सैलाब उमड़ पड़ा. सैकड़ों बहनें अपने बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधने पहुंची. बहनों ने तिलक लगाकर राखी बांधी और आशीर्वाद लिया, लेकिन भाई के जेल में बंद होने का दर्द कई बहनों की आंखों से आंसुओं के रूप में छलक पड़ा. पूरे परिसर में भावुक नजारा देखने को मिला. बहनों को रहा मलाल, भाई से मुलाकात का समय मिला कम
कई बहनों ने मलाल जताया कि अरसे बाद भाई से मुलाकात हुई, पर राखी बांधते ही तुरंत उन्हें हटा दिया गया. जेल में कई बंदी ऐसे हैं, जो वर्षों से यहां सजा काट रहे हैं, जबकि कुछ हाल के महीनों में ही छोटे-मोटे मामलों में कैद हुए हैं. जेल परिसर में गहमा-गहमी के बीच सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही. प्रवेश से पहले हर बहन और उनके साथ लाई गई वस्तुओं की सख्त जांच की गई. बावजूद इसके, राखी के इस पर्व पर भाई-बहन के रिश्ते की डोर जेल की ऊंची दीवारों के भीतर भी मजबूती से बंधती रही.
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