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श्रावणी मेला 2022: सुल्तानगंज गंगा में लगायी बैरिकेडिंग ध्वस्त, प्रशासन की तैयारी बेहद धीमी, जानें अपडेट

श्रावणी मेला 2022 की शुरुआत में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. लेकिन श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की तैयारी की रफ्तार बेहद धीमी है. वहीं गंगा घाट पर लगाये गये बैरिकेडिंग भी ध्वस्त हो गये. जानिये सुल्तानगंज की तैयारी...

श्रावणी मेला 2022 (Shravani mela 2022) की शुरुआत में अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. कोरोनाकाल में दो साल तक सावन मेला नहीं लग सका. इस बार जब अनुमति मिली है तो काफी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना जताई जा रही है. श्रावणी मेले में अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. एक तरफ जहां श्रद्धालु इसे लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं वहीं, कांवरियों के लिए प्रशासन की तैयारी अभी पूरी तरह संतुष्ट करने लायक नहीं दिख रही. अधिकतर कार्य अभी अधूरे तो कुछ शुरू भी नहीं हुए हैं.

सुल्तानगंज घाट पर पानी की समस्या

सुल्तानगंज घाट पर पानी की समस्या अब भी बरकरार है. प्रशासन इसके निदान में जुटी हुई है पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है. अजगैवीनाथ मंदिर परिसर के एक बोरिंग से लगातार गंदे पानी की शिकायत आ रही है. बताया जा रहा है की यह बोरिंग करीब 20 वर्ष पहले की गई थी. इसमें अब कुछ गड़बड़ी होने के कारण लगातार इससे गन्दा पानी आ रहा है जो पीने लायक नहीं है .

पेयजल की संकट का खतरा

श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुओं को पेयजल की संकट ना हो, इसके लिए महंत ने पीएचइडी के अधिकारियों से बोरिंग पैनल का स्विच अजगैवीनाथ मंदिर के समीप लगाने का अनुरोध किया है ताकि इसे चलाने में कोई समस्या ना हो. बता दें कि पीएचइडी द्वारा अब तक, मंदिर परिसर में पेयजल आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.

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मंदिर प्रबंधन ही करेगा घाट का संचालन

बताया जा रहा है कि मेला के दौरान अजगैवीनाथ मंदिर घाट का संचालन मंदिर प्रबंधन द्वारा ही किया जायेगा. महंत ने बताया कि घाट संचालन की जिम्मेदारी किसी एजेंसी या संवेदक को नहीं दी जायेगी. लगभग 140 फीट लंबे-चौड़े नये घाट का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा कराने के बाद मंदिर प्रबंधन को हैंडओवर कर दिया गया है.

ध्वस्त हुए बांस की बैरिकेडिंग से जाने तैयारियों की हकीकत

दरअसल, कुछ ही दिन पहले जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए कावरियों की सुरक्षा के लिहाज से बांस की बैरिकेडिंग की गई थी जो अब ध्वस्त हो चुकी है. प्रसाशन अब इसे ठीक करने में जुटी है. बाढ़ प्रमंडल विभाग के अधिकारी ने बताया कि लगातार गंगा में पानी बढ़ने के कारण बैरिकेडिंग को आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि कांवरिये सुरक्षित स्नान कर सकें. बताते चलें कि बांस-बल्ला लगाने का काम पहले ही विलंब से हुआ और अब इस नयी बाधा ने मुसीबत और बढ़ा दी है.

कच्ची सड़क की समस्या बरकरार

बता दें कि कांवरिया पथ के मरम्मत कार्य को अब जाकर शुरू किया जा रहा है. श्रावणी मेले में अब कुछ ही दिन बचे हैं. इस दौरान कांवरिया पथ को सही हालत में लाना प्रशासन के लिए एक चुनौती है. ऐसा बताया जा रहा है कि श्रावणी मेले से पहले इसका मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

प्रस्तुति: चेतना प्रकाश

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