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bhagalpur news. रेलवे पर 12 वर्षों में 7.52 करोड़ का सेवा शुल्क बकाया

सुलतानगंज नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत भारतीय रेल की परिसंपत्तियों पर वर्ष 2013-14 से 2025-26 (25 अगस्त तक) का कुल सात करोड़ 52 लाख 45 हजार 604 रुपये सेवा शुल्क बकाया है

शुभंकर, सुलतानगंज.

सुलतानगंज नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत भारतीय रेल की परिसंपत्तियों पर वर्ष 2013-14 से 2025-26 (25 अगस्त तक) का कुल सात करोड़ 52 लाख 45 हजार 604 रुपये सेवा शुल्क बकाया है. लंबे समय से लंबित भुगतान को लेकर अब नगर परिषद और रेलवे प्रशासन के बीच बड़ी पहल शुरू हो गई है. बकाया भुगतान के लिए मालदा डिवीजन स्तर पर समन्वय स्थापित करते हुए वार्ता तेज कर दी गई है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के निर्देश पर पूर्व में सिटी मैनेजर, तहसीलदार, नगर मिशन प्रबंधक एवं आईटी सहायक मालदा मंडल कार्यालय जाकर भुगतान को लेकर वार्ता कर चुके हैं. बावजूद भुगतान नहीं होने पर नगर परिषद द्वारा कई बार पत्राचार किया गया. बाद में मालदा मंडल कार्यालय में वरिष्ठ मंडल अभियंता समन्वय नीरज कुमार वर्मा के साथ बैठक कर आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण उपलब्ध कराने पर सहमति बनी.

31 मार्च एकमुश्त भुगतान पर ब्याज में छूट

नगर परिषद के सिटी मैनेजर रविश चंद्र वर्मा ने बताया कि रेलवे की ओर से राज्य सरकार की समान प्रकृति की इमारतों का मूल्यांकन, उन पर लगाए गए सेवा शुल्क का विवरण, बिना ब्याज एवं जुर्माना के गणना तथा वार्षिक विवरण मांगा गया था. नगर परिषद ने सभी आवश्यक रिपोर्ट उपलब्ध करा दी है. बताया गया कि यदि 31 मार्च 2026 तक एकमुश्त मूलधन का भुगतान किया जाता है तो शत-प्रतिशत ब्याज में छूट दी जाएगी. सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद मालदा मंडल जमालपुर के सहायक अभियंता राजीव कुमार ने 22 दिसंबर को पत्र जारी कर जानकारी दी कि 26 दिसंबर को सुलतानगंज स्टेशन प्रबंधक कार्यालय में रेलवे एवं नगर परिषद अधिकारियों के बीच संयुक्त बैठक आयोजित होगी. शुक्रवार को बैठक में रेलवे की ओर से सीनियर सेक्शन इंजीनियर सुमरेश कुमार भगत, पीडब्ल्यूआइ चंदन सिंह, सीएचआइ पंकज कुमार, स्टेशन प्रबंधक गिरीश प्रसाद सिंह तथा नगर परिषद की ओर से सिटी मैनेजर रविश चंद्र वर्मा, वास्तुविद रुचिका, तहसीलदार सुभाष पोद्दार, आइटी सहायक अमर कुमार, डाटा ऑपरेटर रास बिहारी भारती सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में नगर परिषद द्वारा भेजे गए डिमांड नोटिस के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई.

संयुक्त जांच करने पर बनी सहमति

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सेवा शुल्क निर्धारण के आधार एवं परिमाप की जांच के लिए संयुक्त टीम द्वारा स्थलीय सत्यापन आवश्यक है, क्योंकि मामला वृहद परिमाप से जुड़ा हुआ है. दोनों पक्षों की सहमति से पांच से नौ जनवरी तक स्थलीय जांच की तिथि निर्धारित की गई. नप सिटी मैनेजर ने बताया कि संयुक्त जांच के बाद यदि कोई आपत्ति आती है तो उसका निराकरण कर सेवा शुल्क भुगतान की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा. सेवा शुल्क की राशि वर्ष 2026 में प्राप्त होने की पूरी संभावना है, जिससे नगर परिषद के आंतरिक राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और नए वर्ष में शहरी सेवाओं में सुधार संभव हो सकेगा. नगर परिषद कर्मियों के अनुसार रेलवे की परिसंपत्तियों में लगभग 27 लाख 32 हजार 827 वर्ग फीट क्षेत्रफल का सेवा शुल्क लंबे समय से लंबित है. इसमें रेलवे क्वार्टर (25,200 वर्ग फीट), रेलवे ट्रैक व भूमि (25,66,043 वर्ग फीट) तथा पुराने व नए भवन (1,41,584 वर्ग फीट) शामिल है. प्रारंभिक रूप से रेलवे परिसंपत्तियों का सेवा शुल्क लगभग 4.30 करोड़ रुपये निर्धारित था. सेवा शुल्क निर्धारण नगर पालिका अधिनियम एवं हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में संपत्ति कर के 33.33 प्रतिशत के आधार पर किया गया है. स्टेशन प्रबंधक गिरीश प्रसाद सिंह ने बताया कि संयुक्त टीम के गठन के बाद स्थलीय जांच कर सेवा शुल्क निर्धारण को अंतिम रूप दिया जाएगा. संयुक्त टीम में नगर परिषद व रेलवे के संबंधित अभियंता, अधिकारी और तकनीकी कर्मी शामिल हैं.

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