भागलपुर प्रक्षेत्र में उद्यानिकी फसलों की अपार संभावनाएं है. इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित करना होगा. यह जीवन के लिए उपयोगी और अच्छी-खासी आमदनी बढ़ाने के लिए भी है. जिन क्षेत्रों में कम उपयुक्त मिट्टी है, वहां बेहतर पैदावार के लिए मिट्टी को उर्वर बनाने की जरूरत है. उक्त बाते जिलाधिकारी डॉ नवलकिशोर चौधरी ने गुरुवार को जिला कृषि भवन परिसर में आयोजित तीन दिवसीय प्रमंडल स्तरीय उद्यान प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता के दूसरे दिन उद्घाटन के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कहा. कहा कि भागलपुर एक धार्मिक क्षेत्र है, सावन में अजगैबीनगरी सुलतानगंज से बाबाधाम लाखों की संख्या में पूजा करने के लिए श्रद्धालु जाते हैं. गंगा जल के साथ बेलपत्र और फूल की जरूरत होती है. भागलपुर में रंग-बिरंगी फूलों का उत्पादन बढ़ाना जरूरी है. दूसरे राज्यों में फूलों की कमी दूर कर बेहतर आमदनी की जा सकती है. उनके साथ जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव, उद्यान विभाग के सहायक निदेशक अभय कुमार मंडल आदि उपस्थित थे. फिर जिलाधिकारी ने उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से जिले में फूलों की खेती का रकबा बढ़ाने पर काम करने को कहा. इस दौरान फूल, सब्जी व फलों के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने किसानों को उत्पादन की तकनीकी व पदाधिकारियों ने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी. विजेता प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत उद्यान विभाग के सहायक निदेशक अभय कुमार मंडल ने बताया कि प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 65, द्वितीय 63 व तृतीय 63 और सांत्वना पुरस्कार के लिए 60 का चयन किया गया. शुक्रवार को सभी किसानों को पुरस्कृत किया जायेगा. उद्यान प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता में किसानों द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रकार के सजावटी फूल, औषधीय एवं सुगंधित पौधे, फल, नीला और पीले रंग का फूल गोभी, छोटे-छोटे लाल-पीले टमाटर, काली रंग की हरी मिर्च, सेब की तरह दिखने वाला बेर के अलावा कैक्टस आकर्षण का केंद्र रहा.
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