-निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले आवेदकों को पैनल में शामिल किया जायेगापुल निर्माण में गति प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है. निर्माण देरी की प्रमुख वजहों में से एक है परियोजना शुरू होने से पहले डीपीआर, आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति में लगने वाला लंबा समय. अक्सर कंसल्टेंट के चयन तक उतनी ही अवधि बीत जाती है, जिसमें ठेका एजेंसी का चयन कर कार्य शुरू कराया जा सकता है. इसी बाधा को दूर करने के लिए पुल निर्माण निगम अब पहले से ही कंसल्टेंटों का पैनल तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर रहा है.
पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए डीपीआर कंसल्टेंट, आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चरल डिजाइनर के चयन के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं. पुल, फ्लाइओवर, आरओबी और सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए योग्य व्यक्तियों, कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंसियों से आवेदन मांगे गये हैं. आवेदन तीन श्रेणियों में स्वीकार किये जायेंगे. निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले आवेदकों को पैनल में शामिल किया जायेगा, जिससे राज्य की महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं को समय पर कसंल्टेंट का सहयोग मिल सके. 13 जनवरी को निविदा खोलकर एजेंसी चयनित की जायेगी और पैनल बनाया जायेगा. इसका सीधा फायदा होगा कि किसी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलती है, कंसल्टेंट ढूंढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. पैनल में कॉस्ट के हिसाब से योग्य कंसल्टेंट से डीपीआर व डिजाइन तैयार करा लेगा और इस तरह से समय की बचत होगी. इधर, 50 मीटर से कम लंबाई वाले पुलों को जीरो ब्रिज सेफ्टी ऑडिट के लिए सूचीबद्ध किया गया है.डीपीआर, आर्किटेक्ट व डिजाइनर के लिए रखी गयी है तीन कैटोगिरी
डीपीआर, आर्किटेक्ट व डिजाइनर यानी, हरेक के लिए तीन-तीन कैटोगिरी रखी गयी है. जो प्रोजेक्ट कॉस्ट के हिसाब से चयनित कर पैनल बनायी जायेगी. डीपीआर की बात करें, तो 50 करोड़ से अधिक, 50 करोड़ तक और 10 करोड़ तक के प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग कंसल्टेंट होंगे. इसी तरह आर्किटेक्ट व स्ट्रक्चरल डिजाइनर के लिए 20 करोड़ से अधिक व पांच करोड़ तक के लिए फर्म को सूचीबद्ध किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

