प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भागलपुर शहर में 413 करोड़ की लागत से निर्मित एसटीपी का उद्घाटन किया. इसके साथ ही शहरी जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया गया. इसके साक्षी मेयर डॉ. बसुंधरा लाल, डिप्टी मेयर, नगर आयुक्त शुभम कुमार, बुडको के कार्यपालक अभियंता अखिलेश प्रसाद, परियोजना निदेशक मो सद्दाम, कनीय अभियंता पंकज कुमार सहित कई पदाधिकारी व कर्मी मौजूद रहे. मेयर ने इस परियोजना को भागलपुर के विकास के लिए मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा एसटीपी कि यह परियोजना गंगा नदी की स्वच्छता और शहर के पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. गंगा को भी प्रदूषण मुक्त रखने में सहायक होगा. इसकी क्षमता 45 एमएलडी की है.
जानें, एसटीपी योजना के बारे में
एसटीपी वह स्थान है जहां गंदे पानी को साफ करके उसे पर्यावरण में सुरक्षित रूप से वापस छोड़ा जा सकता है. इसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र को अपशिष्ट जल में मौजूद हानिकारक पदार्थों से बचाना है. यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है.1. प्राइमरी ट्रीटमेंट
इस चरण में अपशिष्ट जल से बड़े ठोस कणों को हटाया जाता है.सबसे पहले जल को एक जाली से गुजारा जाता है ताकि बड़े कचरे जैसे प्लास्टिक, कपड़े और लकड़ी के टुकड़े अलग हो सके.2. सेकेंड ट्रीटमेंट
यह चरण जैविक प्रक्रियाओं पर आधारित है. प्राथमिक शोधन के बाद बचे हुए पानी को बड़े टैंकों में भेजा जाता है. इन टैंकों में हवा पंप की जाती है, जिससे सूक्ष्मजीव पनपते हैं. ये सूक्ष्मजीव पानी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को खाकर उन्हें तोड़ते हैं. जब ये सूक्ष्म जीव अपना काम पूरा कर लेते हैं, तो उन्हें एक और टैंक तक पहुंचाया जाता है. जहां वे गाद के रूप में नीचे बैठ जाता है.3. थर्ड ट्रीटमेंट
इस चरण में द्वितीयक शोधन के बाद बचे हुए पानी से सूक्ष्म प्रदूषकों जैसे फॉस्फोरस और नाइट्रोजन को हटाया जाता है. एक बार जब पानी पूरी तरह से साफ हो जाता है, तो इसे नदियों, झीलों या समुद्र में सुरक्षित रूप से छोड़ा जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

