छात्र-छात्राओं को अब किसी समस्या को लेकर विश्वविद्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा. उनके समस्या का निदान विस्तार पटल से कर दिया जायेगा. दरअसल, राजभवन ने छात्र-छात्राओं की परेशानी को देखते हुए नयी व्यवस्था करने जा रही है. विवि मुख्यालय से सभी दिशा में 40-40 किलोमीटर की दूरी पर एक-एक विस्तार पटल खोला जायेगा. इस बाबत राजभवन के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू ने टीएमबीयू सहित 13 परंपरागत विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से निदेश दिया कि एक माह में विस्तार पटल खोलते हुए राजभवन को रिपोर्ट उपलब्ध करानी है. पत्र में कहा कि कुलाधिपति छात्र-छात्राओं की समस्या को लेकर गंभीर है. उन्होंने उनके निराकरण के लिए विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है.
कॉलेज के दो कमरों का किया जायेगा उपयोग
कुलाधिपति ने जारी निर्देश में कहा कि विश्वविद्यालय के 40 किलोमीटर क्षेत्र में आनेवाले किसी कॉलेज (यथासंभव शहरी क्षेत्र) के दो कमरों का उपयोग किया जा सकेगा. विस्तार पटल में कर्मचारी आदि की व्यवस्था विश्वविद्यालय के स्तर से की जायेगी. सभी प्रकार की सुविधा की उपलब्धता भी विश्वविद्यालय के स्तर से ही की जायेगी. उस क्षेत्र में आनेवाले सभी कॉलेजों से संबंधित सभी फाइलों की प्रति उस विस्तार पटल में रखा जायेगा, ताकि छात्र-छात्राएं द्वारा किसी समस्या के निराकरण के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन दिया जाता है, तो विश्वविद्यालय के स्तर से नियमानुसार उसका निराकरण किया जायेगा, लेकिन छात्र-छात्राओं द्वारा किसी समस्या के निराकरण के लिए विस्तार पटल के समक्ष आवेदन दिया जाता है, तो विस्तार पटल के पदाधिकारी-कर्मचारी द्वारा 15 दिनों में इसका निराकरण किया जायेगा. साथ ही छात्र-छात्राओं द्वारा किसी समस्या के निराकरण को लेकर विस्तार पटल के समक्ष आवेदन दिया जाता है. इससे संबंधित फाइल उस विस्तार पटल में उपलब्ध न होकर विश्वविद्यालय के मुख्यालय में उपलब्ध है, तो विस्तार पटल के पदाधिकारी या कर्मचारी का दायित्व होगा कि वह विश्वविद्यालय से संपर्क कर एक माह में समस्या का निष्पादन करें.
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