= मुखिया की बेटी व सगे-संबंधियों को बहाल करने की तैयारी का लगा आरोप
प्रतिनिधि, नाथनगर
शनिवार को शंकरपुर पंचायत के वार्ड आठ में आशा बहाली की प्रक्रिया शुरू होते ही वार्ड सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया. बहाली में पहुंचे मुखिया और नाथनगर रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का जमकर विरोध किया गया. वार्ड सदस्यों का आरोप था कि मुखिया और चिकित्सा पदाधिकारी ने आशा बहाली की कोई जानकारी आमलोगों को नहीं दी और न ही आमसभा रखी. अचानक बहाली का आवेदन प्राप्त करने पहुंच गये. वार्ड सदस्य रविंद्र कुमार ने बताया कि इस बहाली में चुपके से मुखिया अपनी बेटी व सगे-संबंधियों को बहाल करने के फिराक में थे. उन्होंने बताया कि चिकित्सा पदाधिकारी को जब आमलोगों को सूचना नहीं देने के संबंध में शिकायत की गयी, तो उन्होंने मुखिया की तरफदारी करते हुए कहा कि वो किसी वार्ड सदस्य को नहीं जानती वो सिर्फ मुखिया को जानती है. इसके बाद एक साथ कई वार्ड सदस्य व उनके समर्थकों ने विरोध शुरू किया तो बहाली प्रकिया टल गयी.मुखिया ने कहा, बिना सूचना के 25 आवेदन कैसे आ गये, आरोप बेबुनियाद है
मुखिया तथा चिकित्सा पदाधिकारी से जब वार्ड सदस्य सवाल-जबाव करने लगे और इसका वीडियो बनते देख पदाधिकारी व कर्मी कैमरे से चेहरा छिपाते वहां से निकल गये. बताया जाता है कि चिकित्सा पदाधिकारी अनुपमा सहाय ने नाथनगर बीडीओ से इस मामले की शिकायत की है. डाॅ अनुपमा सहाय ने बताया कि नाथनगर रेफरल अस्पताल स्तर पर आशा के चयन की प्रक्रिया नहीं होती है. इस पद के लिए कुल 25 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें जो महिलाएं सबसे सुयोग्य पायी जाएंगी उसी का चयन जिलास्तर से किया जाएगा. चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी. बहाली में न तो जनप्रतिनिधि के रिश्तेदार को लिया जाएगा और न ही पंचायत की बेटी को जगह मिलेगी. शंकरपुर मुखिया अशोक मंडल ने बताया कि आशा बहाली को लेकर वार्ड में एएनएम द्वारा सूचना पूर्व में ही दी जा चुकी है. बिना सूचना के आखिरकार 25 आवेदन कैसे प्राप्त हुए. उनके व अधिकारियों के साथ बदसलूकी करना अच्छी बात नहीं है. वार्ड सदस्यों द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.
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