सिल्क सिटी के मुख्य बाजार से लेकर चौक-चौराहे के बाजार में समय से पहले लीची और बंबई आम की पहली खेप पहुंच गयी है. लीची की बिक्री 200 से 210 रुपये सैकड़ा के हिसाब से हो रही है, जबकि मद्रासी गुलाबखास आम 120 रुपये किलो और बंबई आम 90 से 100 रुपये किलो बिक रहा है. बंगाली बंबई आम 80 से 90 रुपये किलो और बंगाली मालदह 100 रुपये किलो बिक रहा है. माैसम की मार से आम के मंजर झड़ने के कारण बाजार में आम अब भी खास बना हुआ है. क्षेत्र में समय से पहले गर्मी से मंजर सूखकर काले पड़ गये या फिर बारिश से झड़ गये. इधर, अधिक मुनाफा के चक्कर में कई कारोबारियों ने समय से पहले लीची मार्केट में उतार दिया है. शहर में कई जगहों लोहिया पुल के नीचे, आदमपुर चौक, तिलकामांझी चौक आदि जगहों पर लीची की बिक्री हो रही है. समय से पहले टूटने पर लीची बेस्वाद गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत लत्तीपाकर धरहरा के चंदन सिंह ने बताया कि अभी लोकल में कम मात्रा में आने वाला पटनिया लीची टूट रही है. हालांकि मनराजी व शाही लीची सा स्वाद नहीं है. अभी बंगाल की भी लीची आ रही है. वहीं पकरा के लीची बागवान सौरभ सिंह ने बताया कि अभी लीची पूरी तरह से मैच्योर नहीं है. समय से पहले लीची टूटने पर बेस्वाद है. अभी लीची में मिठास नहीं आयी है. लोग नये फल का स्वाद लेने के लिए अधिक से अधिक पैसा चुकाते हैं. क्या कहते हैं आम कारोबारी आम कारोबारी मनोज कुमार ने बताया कि भागलपुर के बाजार में अधिकतर आम चेन्नई से आ रहा हैं. मद्रासी गुलाब खास आम 120 रुपये किलो, मद्रासी बंबई 100 रुपये, तो बंगाली बंबई 80 रुपये किलो, बंगाली मालदह 110 रुपये किलो बिक रहे हैं, जबकि जर्दालू की तरह लंबा आम 2500 रुपये प्रति सैकड़ा किलो बिक रहे हैं. दुकानदार इसे लोकल बताकर बेच रहे हैं. इसके विपरीत आम बागवान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि अभी आम मैच्योर नहीं हुआ है. फल कारोबारियों का कहना है कि अभी अधिकतर आम कार्बेट व अन्य कैमिकल से पकाया जाता है, इसलिए आम खाने में सावधानी बरतना चाहिए. क्या कहते हैं चिकित्सक वरीय चिकित्सक डॉ विनय झा ने बताया बेमौसम आम से कैल्सियम कार्बोनेट, कार्बन डाय ऑक्साइड बनता है. इससे अपच, एसिडिटी की शिकायत होगी, पेट फूलना, चेहरे पर फोड़ा फुंसी आदि बीमारी हो सकती है. इस तरह का आम खाने से बचना चाहिए, या पानी में डालकर कुछ देर छोड़ देना चाहिए. इसके बाद खाना चाहिए.
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