Bihar Flood: कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार में सभी नदियां अभी उफनाई हुई हैं. गंगा-कोसी और इनकी सहायक नदियों का पानी अब गांव के बाद शहरी इलाके में घुसने लगा है. नये इलाकों में भी अब पानी प्रवेश कर रहा है. शहरी क्षेत्रों में नाव चलाने की नौबत आ पड़ी है. कटाव के कारण अनेकों घर नदी में समा चुके हैं. बारिश ने इस परेशानी को और बढ़ा दिया है.
कोसी-सीमांचल में बाढ़ से बिगड़े हालात
सुपौल जिले में कोसी नदी का जलस्तर इस साल के सबसे अधिकतम स्तर तक शनिवार की शाम को पहुंच गया. नदी किनारे पर अब सतर्कता बढ़ा दी गयी है. किशनपुर प्रखंड की दुबियाही पंचायत में अबतक 150 से अधिक घर कटकर नदी की भेंट चढ़ चुके हैं. वहीं भागलपुर के नवगछिया में रंगरा प्रखंड के ज्ञानीदास टोला में गंगा नदी के भीषण कटाव के करीब 30 परिवार के घर नदी में समा गए.
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तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय कैंपस जलमग्न
भागलपुर में शहरी इलाके में पानी घुसने लगा है. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय कैंपस में नाव चल रही है. आदमपुर घाट, बैंक कॉलोनी समेत कई मुहल्लों में गंगा का पानी घुस गया है.

भागलपुर शहर में घुसा पानी
भागलपुर शहर में वार्ड संख्या 18 के कसबा गोलाघाट, सखीचंद घाट आदि मोहल्ले में सैकड़ों लोगों के घरों में पानी घुस गया है. नाथनगर में भी कई मुहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं.

पीरपैंती में सड़क पर पानी, कहलगांव-भागलपुर NH-80 पर मंडरा रहा खतरा
कहलगांव, पीरपैंती, नाथनगर के चंपानाला पुल पार से संपर्क कट गया है. भागलपुर-कहलगांव एनएच 80 के डायवर्सन तक बाढ़ का पानी आ गया तो बड़े वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गयी.

मुंगेर के पांच प्रखंडों में बाढ़ का कहर
मुंगेर में पांच प्रखंडों के 30 पंचायत और 15 वार्ड के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. हर दिन करीब 2 लाख से अधिक लोग बाढ़ के संकट को झेल रहे हैं. हजारों परिवार गांव को छोड़कर सड़क किनारे पार्क और आश्रय स्थल पर शरण लेकर गुजारा कर रहे हैं. भागलपुर में आज से गंगा का जलस्तर स्थिर हो सकता है.


