Airport In Bihar: मंत्रिमंडल सचिवालय (वायुयान संगठन) ने भागलपुर हवाई अड्डे के आस-पास की जमीन और रास्तों का सर्वे करने की मंजूरी दे दी है. इस काम पर 2 करोड़ 90 लाख 91 हजार 720 रुपये (GST समेत) खर्च किये जायेंगे. फिलहाल, सुल्तानगंज में तय की गई जमीन की खरीद-बिक्री रोक दी गई है. जल्द ही तकनीकी जांच के लिए टीम आएगी.
इस वजह से किया जाएगा सर्वे…
अवरोध सीमा सर्वे का मकसद हवाई अड्डे के आस-पास उन सभी चीजों को पहचानना और नापना है जो हवाई जहाज की उड़ान या लैंडिंग में रुकावट डाल सकती हैं. इसमें ऊंची इमारतें, पेड़, टावर, बिजली के खंभे, पहाड़ और अन्य शामिल हैं.
सुरक्षा नियमों के तहत विकास होगा शुरू
सर्वे में रनवे के चारों ओर और हवाई जहाज की उड़ान, लैंडिंग पथ में तय ऊंचाई और दूरी की पूरी जांच की जाएगी. यह काम भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, नई दिल्ली, बिहार हवाई अड्डा (संशोधन) नियमावली, 2024 के अनुसार करेगा. सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर जरूरत पड़ने पर अवरोध हटाए जाएंगे. ऊंचाई सीमाएं तय होंगी और सुरक्षा नियमों के अनुसार विकास कार्य किए जाएंगे.
सर्वे के बाद शुरू होगी तकनीकी तैयारी
सर्वे पूरा होने के बाद हवाई अड्डे के मास्टर प्लान में जरूरी बदलाव किए जाएंगे और निर्माण और संचालन की तकनीकी तैयारी की जाएगी. जिसके लिए जल्द ही जांच टीम बुलाई जाएगी इससे भागलपुर हवाई अड्डा जल्दी बन सकेगा और भविष्य में बड़े विमानों की सुरक्षित उड़ान संभव होगी. इस काम को लेकर मुख्यालय स्तर पर तैयारी तेज कर दी गई है. पटना के हवाई अड्डा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने नए एयरपोर्ट निर्माण के संबंध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), नई दिल्ली के अध्यक्ष को लेटर भेजा है.
जमीन की खरीद बिक्री पर लगी रोक
अजगैवीनाथधाम (सुल्तानगंज) में बनने वाले हवाई अड्डे की जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है. जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जिला अवर निबंधक को आदेश दिया कि मसदी में 300 एकड़ नोनसर में 225 एकड़, राजगंज में 50, कसवा 205, सूजापुर 240 और मंझली में 35 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री रोकी जाए. इसके अलावा, आसपास की जमीन पर भी रोक लगाई गई है, ताकि जरूरत पड़ने पर और जमीन ली जा सके.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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