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मछुआरे ही गंगा के असली रक्षक

कहलगांव : गंगा मुक्ति आंदोलन की 38वीं वर्षगांठ पर शनिवार को कहलगांव के कागजी टोला में जल श्रमिक संघ का सम्मेलन आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि संजय मंगो ने कहा पूरी दुनिया आज जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रहा है. हम मछुआरे ही प्रकृति और पर्यावरण के असली रक्षक हैं. प्रदीप चटर्जी ने राष्ट्रीय […]

कहलगांव : गंगा मुक्ति आंदोलन की 38वीं वर्षगांठ पर शनिवार को कहलगांव के कागजी टोला में जल श्रमिक संघ का सम्मेलन आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि संजय मंगो ने कहा पूरी दुनिया आज जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रहा है. हम मछुआरे ही प्रकृति और पर्यावरण के असली रक्षक हैं.

प्रदीप चटर्जी ने राष्ट्रीय स्तर पर जल श्रमिकों को संगठित होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा मछुआरे हमेशा स्वच्छ गंगा के पक्षधर हैं, क्योंकि अगर गंगा साफ है तभी मछली है. उदय ने सम्मेलन की 11 सूत्री मांगों का प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा गंगा की अविरलता केवल राष्ट्रपति ट्रंप के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए होना चाहिए.
पूर्व पार्षद व जल श्रमिक संघ के प्रांतीय संयोजक योगेंद्र सहनी ने कहा सुल्तानगंज से पीरपैंती तक चल रही गंगा पर पानीदारी (जमींदारी) व गंगा सहित तमाम नदियों में करमुक्त शिकारमाही के सफल आंदोलन में जल श्रमिक संघ की महती भूमिका रही है.
जल श्रमिक संघ के आंदोलन के कारण ही जलकर संशोधन कानून 2006 में परिवर्तन किया गया. राम शरण ने कहा जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर बने संगठन छात्र युवा संघर्ष का यह सफल अहिंसक आंदोलन रहा है. कैलाश सहनी, रामनारायण भास्कर, रामबहादुर, भाई रामकिशोर, अनिरुद्ध, अशोक सहनी, फेकिया देवी, मनोज सहनी ने भी संबोधित किया.
मुख्य अतिथि जनआंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय संयोजक मंडल सदस्य संजय मंगला, विशिष्ट अतिथि पश्चिम बंगाल से आये नेशनल प्लेटफाॅर्म फॉर स्माॅल स्केल फिशरमैन के राष्ट्रीय संयोजक प्रदीप चटर्जी, सोमेन राय, जहीरूद्दीन अहमद, न्यू टाउन अवेयरनेस के अध्यक्ष वाराणसी से आये इन्कलाबी कामगार यूनियन के अध्यक्ष अरविंद मूर्ति, गंगा मुक्ति अंदोलन के राष्ट्रीय समन्वयक रामशरण, राष्ट्र सेवादल के प्रांतीय अध्यक्ष उदय, आंबेडकर फुले मंच के सह संयोजक इंजीनियर भरत कुमार सिंह ने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुनील सहनी और संचालन रामपूजन ने किया. अतिथियों का स्वागत वार्ड पार्षद संतोष सहनी ने किया.
मछुआरों की मांगें
मुफ्त शिकारमाही को बहाल कर तमाम नदी कोल ढाब को परंपरागत मछुआरों के लिए टैक्सफ्री करने, सेंचुरी एक्ट निरस्त कर डॉल्फिन की रक्षा का भार मछुआरों को देने, मसहरी जाल चलाने, बाड़ी बांधने, छोटी मछली पकड़ने, नदी में जहर डालकर मछली पकड़ने को अपराध घोषित करने, फरक्का बराज को तोड़ने की मांगें शामिल हैं.
नौका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन
इस अवसर पर नौका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ और नौका जुलूस भी निकाला गया. नौका जुलूस में करीब डेढ़ सौ नावों ने हिस्सा लिया. प्रथम स्थान पर संजय सहनी व द्वितीय श्रवण सहनी रहे. इन्हें नपं कहलगांव के पूर्व अध्यक्ष अरविंद सिंह ने पुरस्कृत किया. शाम में 250 दीप गंगा में प्रवाहित किये गये.
भागलपुर : घोघा-पंजवारा

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