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लोगों के खाते व कर्जदारों की मांगी जानकारी

भागलपुर : सृजन घोटाले को लेकर जिला सहकारिता पदाधिकारी मो जैनुल आबदीन अंसारी ने सृजन समिति के प्रशासक से कई जानकारी मांगी है. इसमें सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक संचालन के दौरान खोले गये खाते सहित बांटे गये कर्ज का ब्योरा मांगा है. इससे समिति के पास आयी राशि और कर्जदार के पास […]

भागलपुर : सृजन घोटाले को लेकर जिला सहकारिता पदाधिकारी मो जैनुल आबदीन अंसारी ने सृजन समिति के प्रशासक से कई जानकारी मांगी है. इसमें सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक संचालन के दौरान खोले गये खाते सहित बांटे गये कर्ज का ब्योरा मांगा है.

इससे समिति के पास आयी राशि और कर्जदार के पास देनदारी का पूरा ब्योरा सामने आ सकेगा. मामले को लेकर मुख्यालय ने सहकारिता पदाधिकारी को घोटाले के तुरंत बाद हुए विशेष अंकेक्षण की रिपोर्ट भी भेज दी है. यह विशेष अंकेक्षण मुंगेर के विभागीय ऑडिटर कुंदन कुमार ने किया था.
इधर, सृजन घोटाले को लेकर अभी तक भंग हुए सृजन महिला विकास सहयोग समिति के परिसमापन (समाप्त) पर काम शुरू हो गया है. इसको लेकर जिला सहकारिता पदाधिकारी ने मुख्यालय को परिसमापन से पहले कई बिंदुओं पर उच्च स्तर पर कार्रवाई की मांग की है.
इसमें परिसमापन से पहले सृजन महिला विकास सहयोग समिति के ऑडिट होने का मामला अहम है. परिसमापन के दौरान समिति की देनदारी व लेनदारी का आंकड़ा स्पष्ट होना चाहिए. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने मुख्यालय से अपने स्तर पर वरीय पदाधिकारी के माध्यम से समिति के परिसमापन करने की कार्रवाई का अनुरोध किया है.
हर सप्ताह सहकारिता पदाधिकारी करेंगे सृजन मामले में रिव्यू : जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि हर सप्ताह सृजन मामले में रिव्यू किया जायेगा. यह रिव्यू सृजन समिति के प्रशासक, को-ऑपरेटिव बैंक व सहकारिता पदाधिकारी कार्यालय स्तर का है. तीनों ही स्तर पर सृजन घोटाले से जुड़ी कार्रवाई की जा रही है.
वर्ष 1996 से 2017 तक की ऑडिट देने को लेकर भेजा जायेगा रिमाइंडर
सृजन महिला विकास सहयोग समिति के वर्ष 1996 से 2017 तक हुए ऑडिट की रिपोर्ट मुख्यालय ने नहीं दिया है. इसको लेकर फिर से रिमांइडर भेजा जायेगा. आॅडिट के मिलने से इसके व्यवसायिक आकार का पता लग सकेगा.
1.30 लाख रुपये रखरखाव का मांगा बजट
सृजन महिला विकास सहयोग समिति के प्रशासक ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को सृजन घोटाले के कारण वहां रखी गयी सामग्री के खराब होने की रिपोर्ट दी है. इस कारण सामग्री के रखरखाव को लेकर खर्च की मांग की है. यह खर्च करीब 1.30 लाख रुपये का है. इस राशि की मदद से वहां पर रखरखाव के काम होंगे.
अंतिम चरण में आरोपित कर्मी पर विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया
को-ऑपरेटिव बैंक की राशि के दो अलग-अलग बैंक से राशि गबन मामले में आरोपित कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई होगी. इसकी भी प्रक्रिया अंतिम चरण में है. आरोप पत्र के गठन होते ही संबंधित कर्मी को नोटिस होगा. इसमें उनसे आरोप पर जवाब मांगे जायेंगे. आरोप पत्र में यह पूछा जायेगा कि को-ऑपरेटिव बैंक का पैसा दोनों बैंक में जमा थे, तो उसकी मॉनीटरिंग क्यों नहीं की गयी.
वहां से नियमित रूप से स्टेटमेंट नहीं मंगवाया गया, इस कारण उनके खाते से पैसे सृजन महिला विकास सहयोग समिति ने प्रयोग कर लिये और कोऑपरेटिव बैंक को पता नहीं लगा. इस तरह के सवाल का जवाब आरोपित कर्मियों को देने होंगे.
सृजन महिला सहयोग समिति के परिसमापन से पहले की कार्रवाई शुरू
ऑडिटर के खिलाफ निबंधक से करेंगे शिकायत, दोबारा ऑडिट बेवजह रोकी
मुख्यालय ने पूर्व में हुए विशेष अंकेक्षण की रिपोर्ट भेजी, हो रहा अध्ययन

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