भागलपुर : कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार व पूर्णिया के 123 नये इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. शनिवार देर रात कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिये जाने से नये इलाकों में पानी फैला है. सबसे ज्यादा क्षति अररिया व किशनगंज में हुई हैं.
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कोसी, महानंदा व गंगा में अप्रत्याशित उफान, आफत
भागलपुर : कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार व पूर्णिया के 123 नये इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. शनिवार देर रात कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिये जाने से नये इलाकों में पानी फैला है. सबसे ज्यादा क्षति अररिया व किशनगंज में […]
बाढ़ प्रभावित जिलों में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग लापता बताये जा रहे हैं. केवल अररिया जिले में ही रविवार को आठ लोगों की मौत हुई है. अररिया जिले के सात प्रखंडों की 100 से अधिक पंचायतों में बाढ़ का कहर जारी है.
रविवार को कुर्साकांटा के रहटमीना, सौरगांव, लक्ष्मीपुर, जागीर पलासी, पलासमणि आदि नये इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया. सिकटी प्रखंड में स्थिति पूर्ववत है. अररिया प्रखंड की 18 नयी पंचायतों के साथ ही अररिया शहर के दक्षिणी व उत्तर-पूर्वी भागों में पनार नदी का पानी प्रवेश कर गया है. इस कारण वहां भारी तबाही मची हुई है.
इधर, जोकीहाट प्रखंड के दक्षिणी हिस्सों बैदना, पछियारी पिपरा, चौकता, आमगाछी, केलाबाड़ी, टेकनी, घुमना आदि नये इलाकों में पानी फैल रहा है.
फारबिसगंज अनुमंडल के दक्षिणी हिस्सों में तेजी पानी फैल रहा है. जोकीहाट प्रखंड के चैनपुर में बना चंद्रशेखर बांध पर पानी का दबाव बढ़ रहा है. त्रिशुलिया पुल के आगे कोशिकिपुर में स्थित कलवर्ट भी पानी के तेज बहाव में ध्वस्त हो गया.
पानी के तेज बहाव में फारबिसगंज के बहेलिया धार में बना पुल ध्वस्त हो गया. लहसुनगंज गांव टापू में तब्दील हो गया है. कई गांवों में विद्युत सेवा व मोबाइन नेटवर्क ध्वस्त हो गया है. कुर्साकांटा प्रखंड में ऊंचे स्थानों से पानी घटा जरूर है, लेकिन निचले हिस्सों में पानी तेजी से फैल रहा है.
किशनगंज में मूसलधार बारिश जारी, नदियां उफान पर
किशनगंज जिले में बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है़ शनिवार की रात किशनगंज में रिकॉर्ड मूसलधार बारिश 186.8 एमएम दर्ज की गयी है़ सभी नदियां उफान पर है़ं
पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर स्थित महानंदा बराज से रविवार सुबह आठ बजे 107.200 क्यूसेक व तिस्ता कनाल से 295.887 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है़ जिले के पांच प्रखंडों किशनगंज, बहादुरगंज, दिघलबैंक, कोचाधामन व टेढ़ागाछ की 40 पंचायतों के 51085 लोग बाढ़ से प्रभावित है़ं
सुपौल रविवार की सुबह सदर प्रखंड सहित किसनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली व मरौना प्रखंड के सैकड़ों गांव में नदी का पानी प्रवेश कर गया. कोसी व उसकी सहायक नदियां विहुल, तिलयुगा व बलान नदी का जलस्तर बढ़ने से मरौना प्रखंड क्षेत्र में भारी तबाही मची है.
रविवार की सुबह बलान व बिहुल नदी के बढ़ते जलस्तर से मरौना प्रखंड में मुसहरी के समीप निर्मली-मरौना-भलुआही मुख्य सड़क ध्वस्त हो गयी, जिससे प्रखंड के लोगों का थाना व पीएचसी से संपर्क टूट गया.
किसनपुर प्रखंड की पांच पंचायते पूर्ण व चार पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं. लगभग 45 गांवों के घर-घर में पानी घुस गया है. बसंतपुर प्रखंड की निर्मली पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर सात में विगत छह माह पूर्व मनरेगा से बनी सड़क भारी बारिश के कारण बह गया.
पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच अवस्थित सहरसा जिले की पंचायतों के दर्जनों गांव मे बाढ़ का पानी घिर चुका है. बलुआहा गंडौल मुख्य पथ से ऐना जाने वाली सडक मुरली व आरापट्टी के बीच, बहोरवा से बेलडावर पथ के महेशपुर व लिलजा के बीच व लिलजा तेलवा के बीच मुख्य सडक पर पानी बह जाने से ग्राम पंचायत ऐना, झारा, तेलवा पूर्वी व पश्चिमी और आरापट्टी पंचायत का सड़क संपर्क टूट गया है.
कटिहार जिले के महानंदा नदी रविवार को खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है, जबकि गंगा व कोसी नदी भी चेतावनी स्तर तक पहुंचने को आतुर है. इसके कारण आजमनगर, कदवा, प्राणपुर, बलरामपुर आदि प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी की चपेट में आ चुके हैं. कदवा के 11 पंचायतों में पानी प्रवेश कर गया है.
प्रखंड मुख्यालय कदवा से चौकी पीडब्लूडी पथ के नरगददा में पुल ध्वस्त होने के कारण चार पंचायतों के दर्जनों गांवों के लोगों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो गया है. प्रखंड मुख्यालय कदवा-सोनैली पीडब्लूडी पथ के शिवगंज मोड़ स्थित डायवर्सन में पानी के दबाव के कारण डायवर्सन के ऊपर से पानी बह रहा है.
पहले का छोड़ा गया पानी फैल रहा
सुपौल. शनिवार की देर शाम पानी के दबाव के कारण कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोलने के बाद लोगों की चिंता बढ़ गयी थी. हालांकि रविवार का दिन राहत भरा रहा. रविवार की सुबह होते ही पानी के डिस्चार्ज में कमी आने लगी.
सुबह छह बजे कोसी का डिस्चार्ज दो लाख 90 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया. जबकि, शाम आठ बजे तक जलस्तर में और भी कमी आयी. वीरपुर बराज का आंकड़ा घट कर दो लाख 06 हजार 130 क्यूसेक पर आ गया.
वहीं नेपाल स्थित बराह क्षेत्र का डिस्चार्ज 01 लाख 04 हजार क्यूसेक बताया गया. जलस्राव में कमी आने से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है, लेकिन पूर्व में छोड़ा गया पानी अब दोनों तटबंधों के बीच फैलने लगा है. इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है.
गंगा नदी में उफान, 34.54 मीटर पर पहुंचा जल-स्तर
गंगा के उफान ने मुंगेर के दियारावासियों की बेचैनी काफी बढ़ा दी है़ लगातार चौथे दिन रविवार को भी गंगा का जल स्तर तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहता रहा. शाम तक जल-स्तर 34.54 मीटर तक पहुंच चुका था़
विभिन्न स्थानों पर गंगा का जल-स्तर
स्थान जल-स्तर डेंजर लेवल
मुंगेर 34.54 मी 39.33 मी
भागलपुर 28.17 मी 33.68 मी
कहलगांव 27.48 मी 31.09 मी
साहेबगंज 22.10 मी 27.25 मी
फरक्का 18.35 मी 22.25 मी
बाढ़ग्रस्त आठ जिलों शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल व दरभंगा के पदाधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है. वहीं, बाढ़ से क्षतिग्रस्त ग्रामीण सड़कों को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग ने निर्देश दिया है कि बिना अनुमति के अभियंता मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे. मुख्यालय छोड़ने के पहले कार्यपालक अभियंता को विभाग के सचिव या अभियंता प्रमुख से निर्देश लेना होगा.
आठ जिलों के 44 प्रखंड और 287 पंचायतों में 12 लाख 25 हजार 535 से अधिक लोग बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. जिन जिलों में बाढ़ का पानी पंचायतों तक पहुंच गया है, उन जिलों में बचाव व राहत के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की गयी हैं.
सामुदायिक किचेन करें तैयार
विभाग के मुताबिक शिवहर में 14 और किशनगंज छह सामुदायिक किचेन काम करने लगे हैं. वहीं, बाकी जिलों में भी सामुदायिक किचेन बनाया जा रहा है. इन किचेन में बाढ़ के दौरान रेस्क्यू किये गये लोगों को खाना मिलेगा, जिसकी मॉनीटरिंग डीएम करेंगे.
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों को किया जायेगा टैग
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों के सहायिका सेविका के माध्यम से गर्भवती व छोटे बच्चों की पहचान कर सीडीपीओ के माध्यम से जिला मुख्यालय को रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी सेविका को दी गयी है.
बाढ़ के दौरान आसपास के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को एक-दूसरे में टैग करने का निर्देश दिया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों को टैग करने के बाद कम्यूनिटी किचेन बनाया जायेगा. साथ ही बाढ़ के दौरान भी बच्चे सुरक्षित आंगनबाड़ी केंद्रों में आये, इसके लिए निर्देश दिया गया है.
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सभी डीएम को किया गया अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी डीएम को अलर्ट किया है. जिन पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है, वहां जिला कंट्रोल रूम को चालू करने और कंट्रोल रूम व स्टेट कंट्रोल रूम में आये फोन कॉल का डाटाबेस तैयार रखने को कहा गया. कंट्रोल रूप में आये फोन कॉल की जानकारी सभी डीएम व आपदा में जुटे सभी पदाधिकारियों के पास भेजने का निर्देश दिया गया है.
हेल्पलाइन नंबर जारी
राज्य आपातकालीन केंद्र : 0612- 2294204/05/10
अररिया जिला कंट्रोल रूम : 06453-222309
किशनगंज जिला कंट्रोल रूम : 06456-224152
सुपौल जिला कंट्रोल रूम : 06473-224005
मधुबनी जिला कंट्रोल रूम :06276-222576
पूर्वी चंपारण जिला कंट्रोल रूम : 06252-242418
शिवहर जिला कंट्रोल रूम : 06222-257060/61
सीतामढ़ी जिला कंट्रोल रूम : 06226-25031
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