भागलपुर : जख्मी हालत में शुक्रवार को डीआइजी से मिलने पहुंची अंजना देवी ने कहलगांव थानाध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों और कर्मियों पर भ्रष्टाचार, कर्तव्यहीनता और लापरवाही का आरोप लगाया. प्रशिक्षु आइपीएस एएसपी विनीत कुमार से जांच कराये जाने पर आरोप सही पाया गया और डीआइजी विकास वैभव ने कहलगांव थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर वेदनाथ पाठक वैदिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाई का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने एएसपी को घटना में संलिप्त थाना के अन्य पदाधिकारियों और कर्मियों की जांच के बाद कार्रवाई का निर्देश दिया है.
शुक्रवार को डीआइजी कार्यालय पहुंची कहलगांव थाना क्षेत्र के महेशामुंडा निवासी प्रदीप ठाकुर की पत्नी अंजना देवी ने बताया कि 16 फरवरी की शाम 5 बजे उनके पड़ोसी के मुर्गों का झुंड अचानक उनके घर में घुस गया. मुर्गों ने उसके सारे सामान तितर-बितर कर दिये. मुर्गों को भगाने के दौरान ही उनकी पड़ोसी रोहिनी महतो समेत तीन चार लोग हथियार के साथ अंजना देवी के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट करने लगे. इस दौरान फूलन देवी नामक महिला ने कचिया से अंजना देवी पर वार कर दिया.
जब अंजना देवी अपने पति के साथ थाना पहुंची तो वहां दारोगा एसएन सिंह, जमादार, पंच सचिव मुन्ना शुक्ला, उप सरपंच मनोज मंडल और चौकीदार अजय पासवान ने दाेनों पति और पत्नी को गंदी गालियां दीं और मेल मिलाप करने का दबाव बनाने लगे. मेल मिलाप नहीं करने पर उल्टा केस दर्ज कर अंजना और उसके पति को फंसा देने की धमकी दी. इसके बाद उन्होंने कहलगांव एसडीपीओ को भी इस संदर्भ में आवेदन दिया. इसके बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी.
इसलिए प्राथमिकी दर्ज नहीं करने की बात कही. इसके बाद जब कहलगांव एसडीपीओ ने मामले में कार्रवाई का निर्देश प्राप्त हुआ. जिसपर थानाध्यक्ष ने 107 की कार्रवाई करने पर विचार किये जाने की बात कही. जबकि डीआइजी कार्यालय पहुंची अंजना के जख्म स्पष्ट थे. साथ ही अंजना ने इलाज के कागजात भी दिखाये. जांच में थानाध्यक्ष द्वारा डीआइजी व एएसपी को दो तरह की बात कही गयी, जिससे की उनका झूठ पकड़ा गया.