भागलपुर : पिछले साल हुई घटना के बावजूद लॉ की परीक्षा में एक बार फिर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के ग्रामीण अर्थशास्त्र एवं सहकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो राम प्रवेश सिंह को केंद्राधीक्षक बनाया गया है. यही नहीं, परीक्षा केंद्र भी बहुद्देशीय प्रशाल में ही बना दिया गया है. इस बात से प्रो सिंह चिंतित हो गये हैं. उन्होंने विवि के परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिख कर नकल रोकने के लिये तीन कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाने का जहां सुझाव दिया है, वहीं केंद्राधीक्षक पद से उन्हें मुक्त रखने की गुहार भी लगायी है.
क्या लिखा है प्रो सिंह ने : प्रो सिंह ने विवि को लिखा है कि उनके विभाग में तीन शिक्षक हैं. पिछले साल की परीक्षा में विभाग से किसी शिक्षक या कर्मचारी का सहयोग नहीं मिला था. संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक व शोध छात्रों के सहारे परीक्षा संचालित की गयी थी. काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. विवि द्वारा भी आपत्ति व्यक्त की गयी थी. इस बार अपने स्तर से किसे वीक्षक नियुक्त करें, इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश भी नहीं मिला है. पूर्व में बहुद्देशीय प्रशाल में लॉ की परीक्षा के कदाचारमुक्त होने के दावे पर प्रश्न चिह्न लगते रहे हैं. एक स्थान पर परीक्षा केंद्र होने से छात्र-छात्राएं हुड़दंग, कदाचार व मनमानी करने की ज्यादा कोशिश करते हैं. सुझाव है कि तीनवर्षीय व पांचवर्षीय लॉ की परीक्षा बहुद्देशीय प्रशाल में लेने के बजाय स्थानीय तीन अंगीभूत कॉलेजों में आयोजित की जाये और वहां के प्राचार्यों को केंद्राधीक्षक की जिम्मेदारी देते हुए उन्हें (प्रो सिंह) को केंद्राधीक्षक की जिम्मेदारी से मुक्त रखी जाये.