भागलपुर : दो हफ्तों तक शहर की सड़कों से दिन में ट्रकों से निजात मिलने के बाद रविवार को फिर से शहर की सड़कों पर दिन में ट्रकों की कतार देखने को मिली. हालांकि छुट्टी का दिन होने से शहर के किसी भी इलाके में इससे भीषण जाम की स्थिति नहीं बनी. शनिवार देर रात […]
भागलपुर : दो हफ्तों तक शहर की सड़कों से दिन में ट्रकों से निजात मिलने के बाद रविवार को फिर से शहर की सड़कों पर दिन में ट्रकों की कतार देखने को मिली. हालांकि छुट्टी का दिन होने से शहर के किसी भी इलाके में इससे भीषण जाम की स्थिति नहीं बनी.
शनिवार देर रात करीब दो बजे विक्रमशिला सेतु पर दो ट्रक आमने सामने टकरा गये. सेतु पर तीन ट्रक खराब हो गये थे. दुर्घटनाग्रस्त व खराब ट्रकों को सेतु से खींच कर निकालने में सुबह होने की वजह से शहर में ट्रकों की कतार रविवार दिन 11.30 बजे तक लगी रही.
रात दो बजे सेतु के बीचोंबीच दो ट्रकों की आमने सामने टक्कर हो गयी. तीन अन्य ट्रक सेतु पर खराब हो गये. जिससे दोनों तरफ से आने जाने वाले ट्रकों को एक लेन से ही एक-एक कर गुजारा गया.
टोइंग वैन के आने में हुई देरी से दुर्घटनाग्रस्त और खराब ट्रकों को सेतु से निकालने में दिन हो गया. तब तक शहर में खड़े ट्रक दिन 11.30 बजे तक शहर की सड़कों पर रेंगते रहे. इससे घूरन पीर बाबा चौक और तिलकामांझी चौक पर रुक-रुक कर जाम लगता रहा. यातायात पुलिस की मदद से शहरी क्षेत्र में लगने वाले जाम को खत्म किया गया.
अधिकारियों के निर्देशों का नहीं किया गया पालन : कुछ दिन पूर्व ही यातायात व्यवस्था को लेकर मुख्य सचिव के साथ हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग में कई निर्णय लिये गये थे. वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद रेंज डीआइजी विकास वैभव ने सख्त निर्देश दिया था कि दुर्घटना या जाम की स्थिति उत्पन्न होते ही संबंधित थानाध्यक्ष अपने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी/डीएसपी को इसकी सूचना देंगे. जिसके बाद सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अापस में समन्वय स्थापित कर दुर्घटना के बाद ट्रकों को अपने अपने क्षेत्र में रोक देंगे.
शनिवार रात दुर्घटना और ट्रकों के खराब होने के बाद न तो ट्रकों को रोका गया और न ही थानाध्यक्षों ने इसकी सूचना अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को दी. जिससे ट्रक दुर्घटना स्थल पर जाकर जमा हो गये. जिससे दुर्घटनाग्रस्त और खराब ट्रकों को खींच कर निकालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.