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एनटीपीसी के हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने खूब गुदगुदाया
कहलगांव : एनटीपीसी के मानव संसाधन विभाग के राजभाषा अनुभाग द्वारा हिंदी पखवारा के समापन के रूप में रविवार की शाम ‘अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन’ का आयोजन एनटीपीसी के पीटीएस स्थित पूजा पंडाल में किया गया. कवि सम्मेलन में देश के नामचीन कवियों ने उपस्थित श्रोताओं को खूब गुदगुदाया. इन कवियों में प्रदीप चौबे, […]
कहलगांव : एनटीपीसी के मानव संसाधन विभाग के राजभाषा अनुभाग द्वारा हिंदी पखवारा के समापन के रूप में रविवार की शाम ‘अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन’ का आयोजन एनटीपीसी के पीटीएस स्थित पूजा पंडाल में किया गया. कवि सम्मेलन में देश के नामचीन कवियों ने उपस्थित श्रोताओं को खूब गुदगुदाया.
इन कवियों में प्रदीप चौबे, संपत सरल, अशोक सुंदरानी, अन्वा देहलवी, अर्चना अर्चन तथा कुमार बृजेंद्र ने अपनी हास्य कविता के फुहारों से उपस्थित श्रोताओं को सराबोर कर दिया. कवि सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक के श्रीधर, अपर महाप्रबंधक ओएंडएम गौरी शंकर अन्य महाप्रबंधक व उपस्थित कवियों ने सामूहिक रूप से किया.
काव्य पाठ का संचालन रांची से पधारे कवि कुमार वृजेंद्र ने किया. काव्य पाठ का आरंभ सरस्वती वंदना से हुआ. कवि अशोक सुंदरानी ने हास्य कविता पाठ किया. उन्होंने श्रोताओं को कविता के दौरान तालियां बजाने को मजबूर करते हुए कहा कि अमीर और गरीब की थाली में अंतर होता है. पर ताली एक जैसी होती है. इसलिए ताली बजाने में कोई कमी न करें.
इसके बाद शृंगार रस से भीगें गीतों को कविता के रूप में जबलपुर से आयी अर्चना अर्चन ने पेश किया. जयपुर से पधारे संपत सरल ने आज के युवा के मोबाइल मीनिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज के युवा को सोशल मीडिया की वजह से हर हाथ को रोजगार मिल गया है. कोई अब बेरोजगार नहीं है. उन्होंने मोबाइल यूज करने वालों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि जब सीमा पर मरता कोई और है और भुनाता कोई और है. कार्यक्रम देर रात्रि तक चलता रहा.
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