भागलपुर: एसबीआइ के ग्राहक हैं और इसके एटीएम से पैसा निकालने जा रहे हैं, तो आपको बैरंग लौटना पड़ सकता है. एटीएम खुला रहेगा और मशीन भी ठीक-ठाक मिलेगी, लेकिन गार्ड ही आपको बता देगा कि एटीएम में पैसा नहीं है.
इन दिनों स्टेट बैंक के पास पैसा नहीं है. इस कमी को दूर करने में तकरीबन सात दिन लगेंगे. बैंक के उच्चधिकारी का कहना है कि चुनाव के दौरान पुलिस फोर्स नहीं मिला, जिसके कारण आरबीआइ से पैसा मंगाना संभव नहीं हो सका है. सात दिन के बाद पैसों की कमी दूर कर ली जायेगी. इसके अलावा शहर में बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूटीआइ, आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी आदि बैंकों के भी एटीएम है, लेकिन इसमें भी लोगों को पैसा नहीं मिल रहा है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
कचहरी चौक स्थित राजहंस होटल के नजदीक एसबीआइ के एटीएम में तीसरे दिन मंगलवार को भी पैसा नहीं था. इस एटीएम से ग्राहकों को परेशानी हुई. राधारानी सिन्हा रोड स्थित पर्सनल बैंकिंग ब्रांच के ब्रांच एटीएम में भी पैसा नहीं भरा गया, जिसके कारण दूसरे दिन भी एटीएम खाली रहा. भोलानाथ पुल स्थित पेट्रोल पंप परिसर में एक छत के नीचे दो एटीएम का पैसा शाम चार बजे खत्म हो गया. भोलानाथ पुल से मिरजानहाट के बीच तीन एटीएम मशीन है. इसमें एक ही चालू था, लेकिन पांच सौ से नीचे का नोट नहीं निकल रहा था. मानिक सरकार चौक स्थित एटीएम में दो दिन से पैसा नहीं है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (नौ लखा कोठी) का एटीएम दो दिन से खाली है. रेलवे स्टेशन परिसर का एटीएम में भी पैसा नहीं भरने से यात्रियों के लिए उपयोगी नहीं रहा. भीखनपुर चौक स्थित एटीएम में भी दोपहर के बाद पैसा नहीं मिलने लगा है.
पीएनबी में पांच दिन से नहीं भरा गया है कैश
मिरजानहाट स्थित पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम में पांच दिन से कैश नहीं है. हर घड़ी ग्राहकों को बैरंग लौटना पड़ रहा है. गार्ड की ओर से बैंक को सूचना नहीं दी गयी है. बैंक अधिकारी की मानें तो गार्ड नियुक्त है, लेकिन लोगों ने किसी दिन किसी भी गार्ड को नहीं देखा है. एटीएम सुबह समय से खुलता है और और देर रात को बंद होता है. इधर, पूरे इलाके को मालूम हो गया है कि पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम में पैसा नहीं है, इसलिए लोगों को अब धीरे-धीरे पहुंचना भी कम हो गया है.
एचडीएफसी
खलीफाबाग चौक स्थित एचडीएफसी के एटीएम में दो मशीन लगी है. एक पर दिन भर यह सेवा अस्थायी रूप से बंद है का संदेश चलता रहा. दूसरे मशीन का प्रोसेसिंग इतना धीमा था कि ग्राहक को एक ही प्रक्रिया बार-बार दोहराने के बावजूद पैसे नहीं मिल रहे थे. इस कारण ग्राहक झल्लाकर दूसरे एटीएम का रुख कर रहे थे.