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गोताखोरों ने धमना नदी से निकाली कार : मां, बेटा व बेटी के शव मिले, मचा कोहराम
शाहकुंड : शाहकुंड-असरगंज मुख्य मार्ग पर लत्तीपुर गांव के पास धमना नदी में शनिवार की रात करीब 10 बजे डूबी नैनो कार रविवार की सुबह बेलथू गांव के गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद ढूंढ निकाला. कार में नयागांव निवासी किसलय उर्फ साहेब सिंह (38) की पत्नी रेखा देवी, पुत्र कुणाल कश्यप व पुत्री काव्या […]
शाहकुंड : शाहकुंड-असरगंज मुख्य मार्ग पर लत्तीपुर गांव के पास धमना नदी में शनिवार की रात करीब 10 बजे डूबी नैनो कार रविवार की सुबह बेलथू गांव के गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद ढूंढ निकाला. कार में नयागांव निवासी किसलय उर्फ साहेब सिंह (38) की पत्नी रेखा देवी, पुत्र कुणाल कश्यप व पुत्री काव्या कश्यप के शव फंसे थे. कार से तीनों शवों को बाहर निकाला गया, तो वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें छलक आयीं. मौके पर मौजूद बीडीओ अमर कुमार मिश्रा व थानाध्यक्ष सुनील कुमार शवों को थाना ले गये. वहां से पोस्टमार्टम के लिए भेज दिये गये.
एनडीआरएफ टीम नहीं पहुंची, तो ग्रामीण गोताखोरों ने ही संभाली कमान : रात में हादसे की खबर मिली, तो किसलय के गांव नयागांव के लोगों की भीड़ नदी किनारे लग गयी. रात से लेकर रविवार की सुबह तक ग्रामीणों का तांता लगा रहा. दूसरी ओर प्रशासन द्वारा सूचना दिये जाने के 10 घंटे बाद भी एनडीआरएफ की टीम नहीं पहुंची. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने कुछ देर के लिए सड़क जाम कर दिया. इसी बीच ग्रामीण गोताखाेरों ने कार को ढूंढ निकाला. इसके बाद लोगों ने जाम हटा लिया. सीओ के स्थल पर नहीं आने से भी लोग नाराज थे. इधर सीओ जयप्रकाश कुमार ने बताया कि मृतकों के परिजन को सहायता राशि देने के लिए आपदा विभाग को पत्र लिखा जायेगा.
भाग्यवश कार चला रहा किसलय बच निकला था : इस हादसे में कार चला रहे किसलय सिंह की किसी तरह जान बच गयी. वह नदी की तेज धारा में बहकर बाहर निकल गया था. पत्नी और बच्चों के शव देख किसलय चीत्कार कर उठा.
बहनोई के घर से अपने घर नयागांव लौट रहे थे : जानकारी के अनुसार किसलय पत्नी व बच्चों को साथ बहनोई के घर पचकठिया गांव गया था. शनिवार की रात करीब 9:30 बजे वे लोग अपनी नैनो कार से घर नयागांव लौट रहे थे. कार किसलय ही चला रहा था. लत्तीपुर के पास धमना नदी के पुल के पास आते ही कार नदी में गिर गयी.
पेड़ से लटक कर किसलय ने बचायी जान : कार के नदी में डूबने पर किसलय नदी के बहाव के साथ किसी तरह किनारे लग गया. वहां उसके हाथ से एक बबूल का पेड़ पकड़ा गया. पेड़ से लटके-लटके ही वह जोर-जार से आवाज लगाने लगा. तभी सड़क होकर जा रहे एक वाहन चालक ने उसकी आवाज सुनी, तो पास जाकर देखा. किसलय ने उसे हादसे के बारे में बताया. तब उस वाहन चालक ने लत्तीपुर गांव के लोगों को हादसे की जानकारी दी. इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण नदी किनारे पहुंचे और सबसे पहले किसलय को बाहर निकाला. इसके बाद उनके परिजनों को जानकारी दी.
बबूल के पेड़ से फंसी थी कार
गोताखोर विष्णु देव महतो व रंजीत महतो ने साहस का परिचय देते हुए रविवार की सुबह नदी में प्रवेश किया, तो कार बबूल के पेड़ के पास फंसी मिली. कार पुल से सौ फीट दूर मिली. कार पेड़ की टहनी के कारण रुक गयी थी. उन्होंने कार में रस्सी बांधी. इसके बाद लोगों ने कार को खींच कर बाहर निकाला. गोताखोरों को थानाध्यक्ष व स्थानीय लोगों ने सहायता राशि दी.
कुणाल पांचवीं व काव्या तीसरी कक्षा में पढ़ती थी
किसलय का बेटा कुणाल कश्यप माउंट लिटरीज स्कूल में पांचवी कक्षा और बेटी काव्या कश्यप करीजमा काॅनवेंट स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ती थी. पत्नी व बच्चों के शव देख किसलय फफक-फफक कर रो रहा था. बीच-बीच में वह बेहोश हो जाता था. वह कह रहा था भगवान मेरी क्या गलती थी, जो यह सजा मिली. उसकी बहन व परिजन उसे संभालने में लगे थे.
काव्या ने भाई कुणाल का पकड़ रखा था हाथ
किसलय अपनी पत्नी रेखा देवी, पुत्र कुणाल कश्यप, पुत्री काव्या कश्यप के साथ रक्षाबंधन मनाने नयागांव नहीं पहुंच पाये. हादसे में बचे कुमार किसलय ने बताया कि तीन साल बाद कुणाल और काव्या ने पहली बार जिद्द कर घर पर रक्षाबंधन मनाने की बात कही थी. दोनों के जिद्द के आगे गांव जाने पर विवश हुए. लेकिन पुत्र, पुत्री व पत्नी को लेकर घर तक नहीं पहुंच पाया.
रास्ते में भगवान ने छीन लिया. क्या मालूम था पत्नी अपने दो बच्चों के साथ धमना नदी में ही रात की नींद पूरी करेगी. जब नैनो कार में फंसे काव्या और कुणाल का शव देखा गया तो काव्या कश्यप ने कुणाल कश्यप का कलाई पकड़ी थी. यह दृश्य देख लोगों के जेहन में रक्षा बंधन के भाई-बहन का प्यार की याद ताजा हो गयी. घटनास्थल पर मौजूद भीड़ में महिलाओं ने कहा कि मौत को गले लगाने के बाद भी काव्या ने भाई का हाथ पकड़ कर रक्षाबंधन का फर्ज को पूरा कर लिया.
हादसे से कुछ देर पहले रेखा ने मोबाइल पर सास से कहा मां, जल्द पहुंच रही हूं घर कुछ क्षण बाद- मां हम डूब रहे हैं बचाओ…
सुलतानगंज : भाजपा नेता संजीव विधान ने बताया कि पचकठिया गांव से अपनी बहन के घर खाना खाकर किसलय नैनो कार से पत्नी व बच्चों के साथ निकला. पत्नी रेखा देवी व पुत्री काव्या पीछे की सीट पर बैठी थीं. कुणाल पापा बगल में आगे की सीट पर बैठा था. कुछ दूर चलने के बाद रेखा ने मोबाइल से अपनी सास को फोन लगाया.
उसने सास से कहा- मां जल्द घर पहुंच रही हूं. फिर पल में ही उसके चिल्लाने की आवाज आयी- बचाओ! मां हम डूब रहे हैं, बचाओ. इसके बाद फोन बंद हो गया. मां का दिल जोर-जाेर से धड़कने लगा. वह बेटे किसलय को फोन लगाने लगी, लेकिन कोशिश नाकाम हो गयी. इसके बाद घर के लोग बेचैन हो गये. उधर गांव के कुछ लोग उन्हें खोजने सड़क मार्ग से निकले. थोड़ी देर बाद ही लत्तीपुर के ग्रामीणों से सूचना मिली कि किसलय की कार नदी में गिर गयी है. जब ग्रामीण व परिजन धमना नदी पर पहुंचे तो किसलय नदी के बीच बबूल के पेड़ के सहारे जिंदगी बचाने की जद्दोजहद कर रहा था.
नहीं मनाया रक्षा बंधन
रविवार को रक्षा बंधन को लेकर गांव में कोई चहल-पहल नहीं दिख रही थी. हर भाई-बहन के चेहरे पर उदासी दिख रही थी. जाने की खबर मिलते ही पूरा गांव में सन्नाटा छा गया.
रक्षा बंधन पर परिवार के साथ गांव जा रहा था किसलय
किसलय के पिता अनिरुद्ध सिंह की मृत्यु हो चुकी है. वह परिवार के साथ भागलपुर के लालकोठी में अपने निजी मकान में रहता था. रक्षा बंधन के अवसर पर वह पत्नी और बच्चों के साथ अपने गांव नयागांव जा रहा था. किसलय को दो बहनें हैं. गांव में मातम: गांव में रक्षा बंधन के त्योहार नहीं मनाया गया. पूरा गांव गम में डूबा है.
किसलय के बयान पर यूडी केस दर्ज
किसलय कश्यप के बयान पर शाहकुंड थाना में यूडी केस दर्ज किया गया है. उधर किसलय के बहनोई के गांव पचकठिया में भी मातम का माहौल है.
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