बेतिया . जिले की अग्रणी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ””अनुराग”” द्वारा नरकटियागंज अंचल क्षेत्र के खिरिया मठिया में संस्था के संरक्षक पं. चतुर्भुज मिश्र द्वारा रचित एवं हाल ही में लोकार्पित पुस्तक ””दोहा सतसई का वैशिष्ट्य”” विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सतीश कुमार राय ने कहा कि चंपारण की साहित्यिक प्रसिद्धि में पं. चतुर्भुज मिश्र का अतुलनीय योगदान है. ये गुरुकुल के आचार्य नहीं, लेकिन साहित्य के असंख्य रचनाकारों के प्रेरणा स्रोत हैं. दोहा सतसई पं. मिश्र की काव्य प्रतिभा, परंपरा और विवेक को आगे बढ़ने का साक्ष्य है, जिसमें गहरी अर्थव्यंजना और अर्थवत्ता है. दोहा में सागर को गागर में भरने की क्षमता होती है जो इसमें परिलक्षित हो रही है. दोहा सतसई में उपदेश, प्रेरणा और गांभीर्य है. मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र, पुष्पमाला व प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरीय साहित्यकार एवं सेवानिवृत शिक्षक अखिलेश्वर मिश्र ने कहा कि सतसई के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी दोहा सतसई. विशिष्ट अतिथि वरीय कवि सुरेश गुप्त ने कहा कि सतसई लेखन एवं अध्ययन को एक नई दिशा देती दिखती है दोहा सतसई. तारकेश्वर मिश्र ने दोहा सतसई को समाज एवं राष्ट्र हित की रचना बताया. संचालन करते हुए अनुराग के प्रवक्ता डॉ. जगमोहन कुमार ने कहा कि दोहों के वर्णित विषयों का विस्तार है दोहा सतसई. स्वागत भाषण कर्पूरी ठाकुर महाविद्यालय, मोतिहारी के सेवानिवृत्त शिक्षक प्रो. ओमप्रकाश पंडित ने एवं धन्यवाद ज्ञापन हिंदी के वरिष्ठ शिक्षक बिनोद कुमार राव ने किया. संगोष्ठी को संस्था के संस्थापक सदस्य अरुण गोपाल व चन्द्रिका राम, डॉ. ज्ञानेश्वर कुमार गुंजन आदि ने संबोधित किया. राजेश कुमार त्रिपाठी, धनुषधारी उरांव, विनीत केसर मिश्र ने अतिथियों का पुष्पमाला से स्वागत किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में रविरंजन पाण्डेय, साधु पासवान, नरेंद्र प्रजापति, जूही, आरती, शिवाषीश, आदित्य, हर्षिता का सराहनीय सहयोग रहा. मौके पर डॉ. राजेश कुमार चंदेल, बिनोद कुमार मिश्र, राजेश मिश्र, रमन मिश्र आदि उपस्थित रहे.
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