बेतिया . सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित विधान पार्षद अफाक अहमद ने विभिन्न निकायों द्वारा बहाल अपने साथी शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ सरकार और शिक्षा विभाग पर भेदभाव और धांधली का नया आरोप लगा कर मोर्चा खोल दिया है. इस बाबत श्री अहमद ने बताया कि बीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा और सक्षमता जैसी सामान्य परीक्षा पास करने के बाद राज्यकर्मी और स्थायी शिक्षक बने अपने साथियों के पदस्थापन में किए गए पक्षपात और भेदभाव के कारण उत्पन्न भारी समस्या का निदान महीनों से लटकाकर रखा गया है. शिक्षक शिक्षिकाओं के प्रतिनिधि विधान पार्षद श्री अहमद बताया कि इसको लेकर सदन के अंदर और बाहर भी सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा उनकी न्याय संगत मांग की लगातार अनदेखी की जा रही है.शिक्षक से विधान पार्षद बने श्री अहमद ने बताया कि हमारे हजारों साथियों को राज्यकर्मी के रूप में स्थाई शिक्षक शिक्षिका बनने के लिए बीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास की है. वहीं हमारे हजारों साथियों ने सरकार के निर्देश और योजना के आधार पर सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी नियोजित/निकाय शिक्षक -शिक्षिका से विशिष्ट शिक्षक शिक्षिका के रूप में भी राज्यकर्मी बन कर योगदान दिए हैं. शिक्षक शिक्षिकाओं के प्रतिनिधि विधान पार्षद श्री अहमद ने बताया कि बीपीएससी की अपेक्षाकृत कठिन परीक्षा उत्तीर्ण हमारे नियोजित शिक्षक शिक्षिकाओं को पूर्ववर्ती स्कूलों से काफी दूर दराज के स्कूलों में पदस्थापि किया गया है.उनकी असुविधा और ऐच्छिक स्थानांतरण जैसे जरूरी और व्यवहारिक मुद्दे पर कार्रवाई को महीनों से लगातार टाला जा रहा है. वही बीपीएससी जैसी परीक्षा से कम महत्वपूर्ण सक्षमता जैसी परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक शिक्षिकाओं अपने मूल विद्यालय में योगदान करा कर राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया गया है.विधान पार्षद ने कहा कि मूलतः एकही तरह से विभिन्न निकायों द्वारा बहाल होकर शिक्षक -शिक्षिका बने बिहारभर के लाखों शिक्षक – शिक्षिका भाई बहनों के साथ ऐसा व्यवहार कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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